रायपुर:कोरोना संकट की वजह से इस बार राजधानी में गणेश उत्सव को लेकर पहले जैसे उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है. गणेश उत्सव के जश्न में शहरवासी पहले की तरह शामिल नहीं हो पाएंगे. गणेश प्रतिमाएं स्थापित करने के नियमों को प्रशासन ने सख्त कर दिए हैं. इस वजह से समितियां भी पंडाल में पहले की तरह प्रतिमा विराजित नहीं कर रही है. कोरोना के कारण लोगों ने भी मूर्ति स्थापित करने की परंपरा को सादगी से निभाने का फैसला किया है.
गणेश उत्सव को लेकर गाइडलाइन
- 4 फीट से ज्यादा ऊंची मूर्ति और 15 फीट से बड़ा पंडाल न हो
- पंडाल में एक बार में 20 से ज्यादा लोग नहीं होंगे
- दर्शन के लिए आए व्यक्ति अगर संक्रमित मिलते हैं तो उनके इलाज में खर्च की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी
- गणेश प्रतिमा जहां स्थापित की जाएंगी वहां चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए
- भीड़ इकट्ठा न हो इसलिए पहले जैसी सजावट नहीं की जाएंगी
करीब 95 साल से रामसागर पारा में गजानन समाज गणेश उत्सव समिति के पंडाल को देखने के लिए देशभर से हजारों भक्तों पहुंचते थे. हजारों वर्ग फुट में सजावट होती थी, एक-दो घंटे तक लाइन में खड़े रहने के बाद भक्तों को गणेश भगवान के दर्शन मिल पाते थे, लेकिन प्रशासन के कड़े नियमों के कारण इस साल सजावट का फैसला स्थगित किया गया है. जहां सजावट होती थी उसके पास मंदिर है, वहां पहले से ही सीसीटीवी कैमरा लगे हैं.
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