रायपुरःराष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) को भला कौन नहीं जानता है. महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) आजादी के आंदोलन (Freedom movement) के एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अंहिसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेज शासकों (British rulers) के नाक में दम कर दिया था. उन्होंने अहिंसक तरीके से ना केवल ब्रिटिश सरकार (British Government) के खिलाफ आवाज उठाई बल्कि कई आंदोलनों की अगुवाई भी की थी. अपने अहिंसक आंदोलन (Non-violent movement) के लिए गांधी जी को इंटरनेशनल स्तर (International level) तक ख्याति प्राप्त हुई. गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करम चंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) है. उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबन्दर (Porbandar), गुजरात (Gujrat) में हुआ था.
यही कारण है कि इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस (World non-violence day) के रूप में मनाया जाता है. विश्व में गांधी जी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है. विश्व अहिंसा दिवस, गांधी जी के प्रति वैश्विक तौर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है. गांधी जी का कहना था कि अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है, जिसके आधार पर समाज को बेहतर बनाया जा सकता है.
भारत की स्थिति से थे चिंतित
गांधी जी ने लंदन में पढ़ाई करके बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी. हालांकि जब वो भारत वापस आए तो उन्हें देश की स्थिति ने काफी प्रभावित किया. इसके बाद उन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का योगदान अतुलनीय है. शांति और अहिंसा के दम पर उनके द्वारा चलाए गए सत्याग्रह और आंदोलनों ने ब्रिटिश सरकार की ईंट से ईंट बजा दी थी. भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए उन्होंने अंग्रेजों को देश छोड़कर जाने को मजबूर कर दिया था. वहीं, आज गांधीजी के योगदान को याद कर हर भारतीय गर्वित महसूस करता है.