Dhokra Art In G20 Craft Bazaar: जी20 शिल्प बाजार में छत्तीसगढ़ के ढोकरा आर्ट की लगी प्रदर्शनी - Dhokra Art of Chhattisgarh
Dhokra Art In G20 Craft Bazaar नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है. यहां विदेश से आए विशेष मेहमानों को भारत की सांस्कृतिक झलक दिखाने के लिए प्रगति मैदान में क्राफ्ट मार्केट लगाया गया है. जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य की ढोकरा शिल्प की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. G20 Summit New Delhi
रायपुर:G20 शिखर सम्मेलन में भारतीयता की झलक पेश करने के लिए भारत सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है. इस सम्मेलन में आए विदेशी मेहमानों को भारत के विभिन्न राज्यों की कला और सांस्कृति की झलक भी दिखाई जाएगी. इसके लिए नई दिल्ली के प्रगति मैदान में क्राफ्ट मार्केट (शिल्प बाजार) लगाया गया है. जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य की ढोकरा शिल्प की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.
ढोकरा शिल्प क्या है? : छत्तीसगढ़ राज्य से ढोकरा ढलाई को खोई हुई मोम ढलाई के रूप में भी जाना जाता है. यह एक प्राचीन धातु तकनीक है, जो चार हजार सालों से अधिक समय से भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित है.
ढोकरा शिल्प की खासियत: "ढोकरा" शब्द की उत्पत्ति ढोकरा दामर जनजाति से हुई है.यहां, मुख्य छवि मिट्टी और चावल की भूसी के मिश्रण से बनाई जाती है. जबकि जटिल डिजाइन मोम, राल और अखरोट के तेल के मिश्रण से बने मोम के धागों का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं.
कैसे बनता है ढोकरा शिल्प? : मोम-लेपित सांचे को मिट्टी की परत के साथ परतबद्ध किया जाता है, सुखाया जाता है, और खुली आग में ढलाई की जाती है. जिसमें पिघली हुई धातु को सांचे में डाला जाता है. ढोकरा ढलाई का अभ्यास छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के आदिवासी क्षेत्रों में किया जाता है.
सेंट्रल जोन में छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों की प्रदर्शनी:नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित क्रॉफ्ट मार्केट में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी को पांच जोन में बांटा गया है. जिन्हें नार्थ जोन, साउथ जोन, ईस्ट जोन, वेस्ट जोन और सेंट्रल जोन नाम दिया गया है. छत्तीसगढ़ की ढोकरा शिल्पको सेंट्रल जोन में रखा गया है. सेंट्रल जोन में छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश की चंदेरी कला का प्रदर्शन किया गया है.