रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पत्रकार वार्ता की. इस दौरान किरणमई नायक ने बताया कि उनके कार्यकाल में लॉकडाउन के दौरान पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में छत्तीसगढ़ महिला आयोग पूरे देश में अव्वल रहा.अभी तक राज्य के उत्तरी से दक्षिणी छोर तक दो बार सभी जिलो का दौरा कर सुनवाई की जा चुकी है.
इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों जैसे ओडिशा, हिमाचल, पंजाब और हरियाणा के महिला आयोग का दौरा कर वहां की कार्यप्रणाली से अवगत हुई. राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा 6 वेबिनार राज्य महिला आयोग को दिया गया था. राज्य के कई जिलों के महिलाओं को जोड़कर वेबिनार आयोजित किया गया था, जिसमें महिलाओं को उनके हित से संबंधित विषयों पर जागरूक गया.
नायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राज्य महिला आयोग की स्थापना 24 मार्च 2001 को हुई थी. विगत 21 वर्षों से आयोग छत्तीसगढ़ में महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिये निरंतर कार्यरत है. छत्तीसगढ़ में 2018 में नई के गठन के बाद से महिलाओं की समस्याओं के समाधान में काफी तेजी आई है. उन्होंने बताया कि बतौर आयोग अध्यक्ष उनके संक्षिप्त कार्यकाल में लॉकडाउन में भी पीडित महिलाओं को न्याय दिलाने में महिला आयोग पूरे देश में अव्वल रहा है. इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की तारीफ की और सम्मानित भी किया. धर्मशाला हिमाचल प्रदेश में 2 दिवसीय राष्ट्रीय महिला आयोग एवं अन्य राज्यों के महिला आयोग के मध्य इंटरेक्टिव बैठक हुआ, जिसमें जरूरतमंद और पीडित महिलाओं के पुनर्वास एवं मुआवजा विषय पर दूसरे दिवस के तकनीकी सत्र का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष द्वारा किया गया.
महिलाओं की समस्या के लिये शहर के सहज और सुगम हृदय स्थल पर कार्यालय 1 मार्च 2021 को स्थानांतरित कर शासन के छः लाख रूपये प्रतिवर्ष का बचत कि.या 8 मार्च 2021 को व्हाट्सएप कॉल सेंटर का गठन कर महिलाओं को व्हाट्सएप नम्बर 9098382225 पर शिकायत की सुविधा दी गयी.इसमें अब तक 2000 अधिक कॉल आ चुके है. इस पर आवश्यकतानुसार सुझाव मार्गदर्शन और निराकरण किया गया है. इसके साथ ही महिलाओं के विरूद्ध साइबर अपराध रोकने और उनकी डिजिटल अवेयरनेस को बढ़ाया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय अर्द्धशासकीय, निजी संस्थान एवं उद्योगों में महिलाओं के कार्यस्थल पर लैगिक उत्पीड़न को रोके जाने बाबत आंतरिक परिवाद समिति का कड़ाई से लागू किया जायेगा और महिलाओं के मामले पुलिस थाने में दर्ज किये जाने बाबत महिला पुलिस डेस्क की अनिवार्यता की दिशा में भी प्रयास किया जायेगा.कार्यकाल में महिलाओं की समस्याओं एवं शिकायतों का यथाशीघ्र निराकरण किया जा रहा है. ध्यान देने योग्य है कि विगत 21 माह के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के किसी भी स्थान पर किसी भी महिला के साथ अन्याय होने की शिकायत संस्थित नहीं है. महिला समस्या को लेकर किसी भी विरोधी दल ने इसे लेकर जन आंदोलन नहीं किया है.