रायपुर : प्रदेश में पूर्व IAS को पद से हटाने की कार्रवाई पर राजनीति और गर्माती जा रही है. पूर्व IAS गणेश शंकर मिश्रा को हटाए जाने के बाद भाजपा सांसदों का केंद्रीय मंत्री से मिलने पर कांग्रेस ने तंज कसा है.
पूर्व आईएएस गणेश शंकर मिश्रा को हटाए जाने पर राजनीति गर्म कांग्रेस के मीडिया विभाग प्रभारी शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि, 'सरकार ने रेडियस वाटर घोटाले के आरोपी गणेश शंकर मिश्रा को पद से हटाया गया है, लेकिन आरोपी को बचाने के लिए बीजेपी सांसदों ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की है. भ्रष्टाचार के आरोपी को महत्वपूर्ण पद पर बने रहना उचित निर्णय नहीं था. यहां रेडियस मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी के बचाव में केंद्रीय मंत्री से मिलना अच्छी बात नहीं है'.
कांग्रेस- बीजेपी के बीच शुरु हुआ आरोप- प्रत्यारोप का दौर
कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ में कुपोषण की समस्या अधिक है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 51.10 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार और बच्चे एनीमिया के शिकार हैं. महिलाएं 45.7 प्रतिशत कुपोषण का शिकार हैं, लेकिन इन मुद्दों पर भाजपा सांसदों ने कोई पहल नहीं की है. वन अधिकार पट्टे का मामला गंभीर और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक बात अटकी हुई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसान सम्मान निधि 6000 से बढ़ाकर 12,000 वन अधिकार पट्टे वालों के लिए मांग की है'.
मनोज पिंगुआ को सहकारी निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया
दरअसल, गणेश शंकर मिश्रा को राज्य सहकारी निर्वाचन आयुक्त के पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह मनोज पिंगुआ को नया सहकारी निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है. बताया जा रहा है कि सहकारिता चुनाव को लेकर गणेश शंकर मिश्रा ने शिवनाथ नदी के अनुबंध को लेकर सवाल उठाया था.