रायपुर : 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इस बजट को लेकर सभी वर्गों को कई उम्मीदें हैं. प्रदेश का अन्नदाता भी बजट से आस लगाए है. ऐसे में ETV भारत ने किसान संघ के प्रमुखों से चर्चा कर बजट से किसानों के उम्मीदों को समझने की कोशिश की.
बजट से किसानों को उम्मीदें भंडारण की उचित व्यवस्था का प्रावधान
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि अगर मोदी सरकार किसानों की हितैषी है तो उनकों इस बजट में किसानों को उनके लागत मूल्य को बढ़ाने का प्रावधान लाना चाहिए. किसानों का 30 से 40 फीसदी उपज रख रखाव और भंडारण के समय बर्बाद हो जाता है. इसे देखते हुए सरकार को इस बजट में समर्थन मूल्य के साथ भंडारण की उचित व्यवस्था के लिए प्रावधान लेकर आना चाहिए.
बीमा के नए प्रावधान
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी ने कहा कि फसल बीमा को लेकर सरकार को प्रावधान लेकर आना चाहिए. अब तक प्रति एकड़ 12 क्विंटल असिंचित में और प्रति हेक्टेयर 18 क्विंटल सिंचित में बीमा दिया जाता है, इससे हर किसान को बीमा का लाभ नहीं मिल पाता है. किसानों के उत्पादन को आधार मानकर प्रति एकड़ के हिसाब से बीमा किया जाना चाहिए. साथ ही कृषि उपकरणों पर GST शून्य कर देना चाहिेए.
जैविक खेती को बढ़ावा देने की मांग
किसान नेता तुलाराम ने कहा कि सरकार हर साल समर्थन मूल्य घोषित करती है, लेकिन यह सिर्फ एक या दो महीने चलता है. हमारी उम्मीद है कि अगर सरकार किसानों की फसल को 12 महीने समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था करे तो किसानों को बहुत राहत मिलेगा. किसान उत्पादन तो कर लेता है लेकिन उसे समर्थन मूल्य नहीं मिलने से निराश हो जाता है. साथ ही जैविक कृषि की ओर सरकार को फैसला लेना होगा, सरकार को जैविक खेती करने वाले किसानों की फसल को खरीदने की व्यवस्था कर उसे प्राथमिकता देनी चाहिए. रासायनिक खाद खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी देती है, लेकिन जैविक खेती करने वाले किसानों को जैविक खाद खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाए तो जैविक खेती के लिए किसान आगे आएंगे.