रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी नक्सल हमले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है. कांग्रेस की ओर से लगातार आरोपों की झड़ी लगाने के बाद NIA फिर सक्रिय हो गई है.
नोटिस जारी होने के बाद NIA ऑफिस पहुंचे प्रत्यक्षदर्शी बयान देने से किया इंकार
जानकारी के मुताबिक दिल्ली से अधिकारियों की टीम रायपुर पहुंची है. NIA रविवार 28 जून को झीरम नक्सली हमले के प्रत्यक्षदर्शियों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था. लेकिन उन्होंने बयान देने से इंकार कर दिया है.
कांग्रेस के खाफिले पर नक्सलियों ने किया था हमला झीरम घाटी की दर्दनाक तस्वीर कांग्रेस नेता की गाड़ी पर चलाई गई गोली NIA ने संबंधितों को नोटिस जारी किया था, इसके बाद जो लोग बयान देने के लिए NIA के दफ्तर पहुंचे थे, उसमें दिवंगत विद्याचरण शुक्ल के करीबी माने जाने वाले दौलत रोहड़ा भी शामिल थे. दौलत रोहड़ा हमले के समय दिवंगत विद्याचरण शुक्ल के साथ मौजूद थे. उनका कहना है कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हमला हुआ था, जिसकी जांच NIA कर रही है. इस घटना के 2 महीने के बाद बयान के लिए इन्हें बुलाया गया था, लेकिन अधिकारियों के नहीं होने के कारण बयान नहीं लिया गया था. जिसके बाद रोहड़ा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर बयान देने में असमर्थता जताई थी.
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बयान नहीं लेने पर हाईकोर्ट में दायर की याचिका
प्रत्यक्षदर्शियों ने फिलहाल बयान दर्ज कराने से इंकार किया है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इस वजह से फिलहाल वो बयान दर्ज नहीं कराएंगे. जिसके बाद NIA ने नोटिस जारी किया था. इस वजह से वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराने यहां आए थे.
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NIA नहीं कर रही सही तरिके से जांच
बता दें कि झीरम नक्सली हमले की जांच के लिए राज्य सरकार ने SIT गठित की थी. कांग्रेस का मानना है कि NIA इस मामले की जांच सही तरीके से नहीं कर रही है. इसके बाद राज्य सरकार सहित कांग्रेस ने NIA से अपनी जांच रिपोर्ट SIT को सौंपी जाने की मांग की है. लेकिन अब तक NIA ने यह रिपोर्ट SIT को नहीं दी गई है. जिस वजह से झीरम नक्सली हमले की जांच आगे नहीं बढ़ रही है.