रायपुरः केंद्र सरकार ने अपात्र किसानों से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (kisan samman nidhi) वापस लेने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत केंद्र की ओर से राज्य सरकारों को पत्र लिखा गया है. लेकिन इस प्रक्रिया ने केंद्र की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिये हैं. विपक्ष सहित किसान संगठनों ने भी इसका विरोध किया है. केंद्र के इस निर्णय का जहां छत्तीसगढ़ के किसान संगठन विरोध कर रहे हैं वहीं प्रदेश कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार के इस निर्णय पर आपत्ति जताई है. हालांकि छत्तीसगढ़ के भाजपाई केंद्र सरकार के इस निर्णय को सही ठहरा रहे हैं. इस बीच अब उन किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जिन्हें सम्मान निधि वापस करने का केंद्र सरकार द्वारा फरमान सुनाया जाएगा. बहरहाल केंद्र सरकार का यह निर्णय सही है या गलत यह अभी कहना बेहद मुश्किल होगा. अब देखने वाली बात है कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर किसान संगठन सहित कांग्रेस क्या कदम उठाती है.
किसानों के लिए 'अपमान निधि' योजना बन गई प्रधानमंत्री 'किसान सम्मान निधि' योजना
किसानों की आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री 'किसान सम्मान निधि' योजना लाई थी. लेकिन अब यह सरकार के लिए मुश्किल का सबब बन गया है. योजना के तहत ऐसे किसानों को भी इसका लाभ मिल गया है, जो पात्र थे ही नहीं. इसी को लेकर केंद्र अब अपात्र किसानों से यह राशि वापस ले रही है. जबकि विपक्ष इसपर जमकर हल्ला बोल रहा है.
प्रधानमंत्री 'किसान सम्मान निधि' वापस लेने की कवायद शुरू
राज्य सरकार द्वारा आनन-फानन में दिये गलत आंकड़े की वजह से बनी स्थिति
इधर, भाजपा ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को सही ठहराया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि किसान सम्मान निधि को लेकर राज्य सरकार द्वारा पहले देरी की गई. बाद में आनन-फानन में जो गलत आंकड़े भेजे गये, उसी के कारण आज प्रदेश में यह स्थिति बनी है.
Last Updated : Aug 17, 2021, 10:20 PM IST