रायपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन के बाद जेसीसी(जे) को एक और बड़ा झटका लगा है. अजीत जोगी के करीबी और मरवाही विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने कांग्रेस में प्रवेश किया है. ETV भारत ने ज्ञानेंद्र उपाध्याय से खास बातचीत की है.
ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ, अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने तब से वे उनके साथ काम कर रहे हैं. 20 साल से उनके विधायक प्रतिनिधि के रूप में मरवाही क्षेत्र में काम किया है.
उन्होंने बताया कि अजीत जोगी उनके सम्मानित नेता थे और वे उनका बहुत सम्मान करते थे, जोगी उन्हें भाई की तरह मानते थे. उनके निधन के बाद उन्हें पीड़ा हुई, लेकिन लगा कि उनका भविष्य जोगी कांग्रेस के साथ अंधकार में दिखाई दे रहा है, इसलिए उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया है.
प्रश्न- विषम परिस्थिति में पार्टी को आपकी जरूरत थी लेकिन ऐसे समय में जेसीसीजे छोड़ने का कारण
जवाब- ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अजीत जोगी एक महान नेता थे वह सभी को एक समान मानकर चलते थे. वह गुण उनके बेटे अमित जोगी में नहीं है. वे अमित जोगी के साथ काम करने में कठिनाई महसूस कर रहे थे. इसलिए कांग्रेस में घर वापसी की है.उन्होंने कहा कि 'अजीत जोगी के दशगात्र कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था, मुझे जो भी जवाबदारी सौंपी गई थी मैंने निष्ठा पूर्वक काम किया, मुझे कोई गिला-शिकवा नहीं है'.
पढ़ें-JCC(J) को बड़ा झटका, अजीत जोगी के करीबी ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने थामा कांग्रेस का हाथ
प्रश्न- मरवाही में उपचुनाव है, आपकी क्या जिम्मेदारी होगी ?
जबाव- 'मरवाही में 7 विधानसभा, चार लोकसभा, साथ ही 6 विधानसभा चुनाव का संचालन मैंने खुद किया है, सभी बूथ,हर एक गांव से मैं परिचित हूं और सभी को जनता हूं. क्योंकि अब मैं कांग्रेस में हूं. जेसीसीज क्या करती है क्या नहीं करती है मैं कुछ कह नहीं सकता. कांग्रेस संगठन मुझे जो भी काम सौंपेगी मैं उसे बूथ लेवल तक करूंगा.
प्रश्न- मुख्यमंत्री से क्या चर्चा हुई, पार्टी में क्या जिम्मेदारी दी गई है ?