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EXCLUSIVE: छत्तीसगढ़ में 'धोनी' ढूंढने आए उनके गुरु, देखिए खास मुलाकात - sports news

केशव रंजन बनर्जी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. हमसे उन्होंने युवाओं को क्रिकेट में करियर बनाने को लेकर चर्चा की, साथ ही धोनी से जु़ड़ी कुछ यादों को ताजा किया.

छत्तीसगढ़ में 'धोनी' ढूंढने आए उनके गुरु, देखिए खास मुलाकात

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Published : Apr 24, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Apr 24, 2019, 8:24 PM IST

रायपुरः महेंद्र सिंह धोनी के रूप में दुनिया को किक्रेट का महान कप्तान और बल्लेबाज देने वाले उनके बचपन के कोच केशव रंजन बनर्जी रायपुर में किक्रेट अकाडमी खोलने जा रहे हैं. जिससे रायपुर से देश को ज्यादा से ज्यादा धोनी मिल सकें.

EXCLUSIVE: छत्तीसगढ़ में 'धोनी' ढूंढने आए उनके गुरु, देखिए खास मुलाकात

इस मौके पर केशव रंजन बनर्जी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. हमसे उन्होंने युवाओं को क्रिकेट में करियर बनाने को लेकर चर्चा की, साथ ही धोनी से जु़ड़ी कुछ यादों को ताजा किया.

1. सवालः रायपुरः महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट अकादमी रायपुर में किस तरह से काम करेगी और इसका लक्ष्य क्या है?

जवाबः आमतौर पर प्रतिभा छोटे शहरों से ही निकलती है. कई बार युवाओं के पास प्रतिभा होने के बावजूद उन्हें सही दिशा निर्देश नहीं मिल पाता. इसे ध्यान में रखते हुए हम रायपुर में महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट अकादमी खोलने जा रहे हैं.

2. सवालः छोटे शहरों में किस तरह की संभावनाएं दिख रही हैं ?

जवाबः आप भारतीय क्रिकेट टीम को देखिए, उनके 15 में से करीब 13 खिलाड़ी छोटे शहरों से हैं. इस सवाल का अंदाजा इसे से लगया जा सकता है.

3. सवालः आप बचपन से धोनी को खेलते हुए देखते आ रहे हैं, धोनी इतने बेहतरीन फिनिशर कैसे बने ?

जवाबः धोनी आखिरी ओवर तक हार न मानने वाले खिलाड़ी हैं. दुनिया का कोई भी कंप्यूटर धोनी के दिमाग को रीड नहीं कर सकता. कौन सी गेंद को किस तरह से खेलना हैं, धोनी इसका फैसला ऑन द स्पॉट लेते हैं.

4. सवालः बल्लेबाज, विकेटकीपर या कप्तान, धोनी को आप किस रूप में सबसे ज्यादा पसंद करते हैं?

जवाबः धोनी तो ऑलराउंडर हैं. उन्हें हर रूप में देखना पसंद है.

5. सवालः आप लंबे समय से क्रिकेट के क्षेत्र में हैं. बच्चों को किस उम्र से क्रिकेट को एक करियर के रूप में गंभीरता से सोचना चाहिए?

जवाबः पहले के समय में इंजीनियर और डॉक्टर के अलावा कोई और प्रोफेशन नहीं होता था. लेकिन आज हमारे पास बहुत विकल्प हैं. स्पोर्ट्स भी आज एक प्रोफेशन बन चुका है. जरूरी नहीं है कि हम टीम इंडिया के लिए ही खेलें. रणजी और स्टेट प्रतियोगिता खेल कर भी लाखों कमाया जा सकता है. उम्र की बात की जाए तो नौ साल में बच्चों को गंभीरता से इस बारे में सोचना चाहिए.

6. सवालः अकादमी खोलने के लिए आपको रायपुर में किस तरह का सहयोग मिल रहा है ?

जवाबः स्कूल मैनेजमेंट ने हमें इसके लिए मैदान दिया है. हमने उसे अपग्रेड किया. जहां बच्चों को बैटिंग, बॉलिंग के साथ- साथ फील्डिंग भी सिखाई जाएगी.

7. सवालः छोटे शहरों में खासतौर पर टेनिस बॉल से क्रिकेट का चलन ज्यादा देखने को मिलता है. क्या ये मुख्यधारा की क्रिकेट को नुकसान पहुंचा सकता है?

जवाबः ऐसा नहीं है. टेनिस बॉल से खेलते समय बच्चों को चोट लगने का डर नहीं होता है. धोनी ने अपने हेलीकॉप्टर शॉट की शुरुआत कॉसको गेंद से की थी. जिसे बाद में ड्यूज गेंद में बदला. उसी तरह युवा भी अपने खेल को टेनिस बॉल से ड्यूज बॉल में ट्रांसफार्म कर सकते हैं.

Last Updated : Apr 24, 2019, 8:24 PM IST

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