रायपुर:देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या किसान वर्ग की है. वहीं देश में अन्नदाता किसानों की स्थिति आज भी बेहतर नहीं हो पाई है. किसानों की समस्याओं से जुड़े ऐसे ही कुछ विषयों पर ETV भारत ने भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र से खास बातचीत की.
किसानों के पास खुद का साधन नहीं: मोहन मिश्र
किसानों की स्थिति के बारे में मोहन ने कहा कि किसानों को गलत दिशा में ले लिया गया है. बीज उनके हाथ में नहीं है, औजार नहीं हैं, खुद का कोई साधन नहीं है. बाहर से सामान की खरीदी के कारण किसानों का खर्च बढ़ रहा है. इसलिए किसानों को मुनाफा भी कम हो रहा है. वहीं इसका मुख्य कारण है कि किसान की जमीन बहुत से भागों में बांट रही है.
कृषि उत्पादों में ही मोलभाव क्यों: मिश्र
हम जब सब्जी खरीदने बाजार जाते हैं तो मोलभाव करते हैं. साबुन, दवाई और पेट्रोल आदि लेते समय मोलभाव नहीं किया जाता. किसान के सामानों पर ही बारगेनिंग की जाती है, किसान सीधे बाजार में अपने उत्पादों को नहीं बेचता इसलिए मिडिलमैन की जरूरत होती है. वहीं बाजार से किसान को कितना हिस्सा मिलना चाहिए उस पर सरकार नीति बना दे जिससे किसान और सरकार दोनों को फायदा हो.
'तय कीमत से कम में फसल न बिकने दे सरकार'
किसान एक जैसा फसल नहीं ऊगाता इसलिए किसान उसका रेट तय नहीं कर सकता. हमारे देश में ढाई हजार प्रकार के बैगन की खेती होती है. किसान भी एक उपभोक्ता होता है. अगर किसान बैगन उगाता है तो वह टमाटर बाहर से खरीदता है, प्याज की खेती करता है तो वह आलू खरीदता बाहर से खरीदता है. सरकार इतना तय करदे की जो फसल है वो कम से कम तय कीमत से नीचे न बिके.
रसायनिक खेती की बजह से पानी की कमी: मोहन
पानी की समस्या पर मिश्र ने कहा कि पानी कम हो रहा है इसकी बड़ी चर्चा हो रही है. पानी का जो चक्र है वो टूट गया है. इसका मुख्य कारण है रासायनिक खेती. क्योंकि रासायनिक खेती के कारण मिट्टी कमजोर हो जाती है. इस कारण मिट्टी में पानी की पकड़ भी कमजोर हो जाती है. अगर देशभर में जैविक खेती की ओर रुझान होगा और सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहन देगी तो पानी की समस्या भी हल हो जाएगी.