साल 2024 की पहली विनायक चतुर्थी पर इस खास विधि से करें गणपति की पूजा, विघ्नहर्ता करेंगे कष्ट दूर
Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर खास विधि से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से धन के साथ सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान गणपति की पूजा विधि क्या होनी चाहिए. इस पर ईटीवी भारत ने पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बात की है.
रायपुर: हर माह दो चतुर्थी पड़ती है. इस माह भी दो चतुर्थी पड़ रही है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी है. दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी है. इन दोनों चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-आराधना की जाती है. यह दोनों दिन भगवान गणेश को समर्पित है. हिंदू धर्म में भगवान गणेश को शुभकर्ता और विघ्नहर्ता माना गया है. इस दिन भगवान गणेश की खास विधि से पूजा करने से ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
जानिए शुभ मुहूर्त:हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 14 जनवरी 2024 की सुबह 7:59 से हो रही है. इसका समापन 15 जनवरी 2024 को सुबह 7:59 पर होगा. ऐसे में साल 2024 की पहली विनायक चतुर्थी 14 जनवरी 2024 रविवार के दिन मनाई जाएगी.
इस विधि से करें पूजा: विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान के बाद साफ सुथरे वस्त्र पहनें. फिर भगवान गणेश जी के सामने प्रार्थना करते हुए पूजन का संकल्प लेना चाहिए. गणेश जी की मूर्ति एक चौकी पर स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें. भगवान गणेश को चंदन का तिलक लगाएं. वस्त्र, कुमकुम, धूप, दीप, लाल फूल, अक्षत, पान, सुपारी आदि अर्पित करें. कहा जाता है कि गणेश जी को मोदक और दूर्वा यानी कि घास बेहद पसंद है. ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए विनायक चतुर्थी के दिन मोदक या लड्डू का भोग लगाकर दूर्वा जरूर अर्पित करें.
ये काम जरूर करें: परिवार की तरक्की और उन्नति के लिए विनायक चतुर्थी के दिन मूषक पर सवार गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करें. इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी. भगवान गणेश को मोदक काफी प्रिय है. ऐसे में किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं. इससे आपकी मनोकामना जरुर पूरी होगी.
मोदक के अलावा भगवान गणेश को दूर्वा भी बेहद प्रिय है. विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश जी को दूर्वा की पांच या फिर 21 गांठ मंत्र के साथ अर्पित करें. विनायक चतुर्थी के दिन पूजा करते समय गणेश जी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं. उसी से स्वयं का भी तिलक करें. इस दिन पूजा के समय गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करें. इससे गणेश जी प्रसन्न होंगे. ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी.