रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) विज्ञान महाविद्यालय परिसर स्थित दीन दयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के कार्यक्रम में आदिवासियों के हित में बड़ी बातें कही है. सीएम ने कहा कि ''आदिवासियों के हितों को संरक्षण देने के लिए राज्य में पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा. नए नियम से ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे. इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होंगी.''
पांच लाख पट्टों का हुआ वितरण :विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सीएम बघेल ने कहा कि ''उनकी सरकार बनने के बाद विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई.आदिवासियों को वन अधिकार के पट्टे प्रदान किए गए. जिसके तहत अभी तक पांच लाख पट्टे वन अधिकार के तहत दिए जा चुके हैं. आदिवासियों के हितों का ध्यान रखने के लिए और योजनाओं का समय पर क्रियांवयन करने के लिए जन जागरण अभियान कैलेंडर का विमोचन किया गया है.''
आदिवासी का हो रहा सशक्तिकरण : मुख्यमंत्री ने कहा कि ''राज्य सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रही है. इससे आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है. यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गांवों के लिए बैंक खोलने की मांग कर रहे हैं. आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है और इसी का नतीजा है कि मलेरिया के मामलों में 65% कमी आई है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक से भी लाखों लोग लाभांवित हो रहे हैं.''
आदिम संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान : सीएम ने कहा कि ''शिक्षा के मामले में भी हम आगे बढ़ रहे हैं, हमने बस्तर के 300 बंद स्कूलों को शुरू करने का काम किया है. शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्य में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती भी होने जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि '' आदिम संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान है और आदिवासियों का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है. हम आदिवासियों के सारे योगदान को सहेज कर रखना चाहते हैं. इसके लिए भाषा, संस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम किया जा रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी हैं.''