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भूपेश सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे कर्मचारी संघ

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Published : Jul 18, 2022, 9:57 AM IST

Updated : Jul 18, 2022, 12:31 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 20 जुलाई से 27 जुलाई तक चलेगा. इस बीच कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल की चेतावनी देकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इनकी मांग है कि केंद्र सरकार के समान भत्ता दिया जाए.

employees unions
कर्मचारी संघ

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 20 जुलाई से 27 जुलाई तक चलेगा. लेकिन इसके पहले ही कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल की चेतावनी देकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कर्मचारी संगठन ने डीए बढ़ाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. इस बीच विधानसभा का मानसून सत्र भी होगा. ऐसे में कर्मचारी संघ हड़ताल पर रहेंगे तो इससे विधानसभा की जानकारी भी प्रभावित हो सकती है.

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क्या कहते हैं कर्मचारी:कर्मचारियों का कहना है कि ''सरकार अपने विधायक, मंत्रियों का वेतन बढ़ाने जा रही है. वहीं लंबे समय से कर्मचारियों की भत्ते की मांग को लगातार दरकिनार कर रही है.'' दरअसल कर्मचारी संगठन लगातार केंद्र के समान भत्ता की मांग कर रहे हैं. अब मांग पूरी ना होने पर 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी गई है.


कर्मचारियों के वेतन में कमी: छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे का कहना है कि "अब समय एक दो तीन पांच दिन के आंदोलन का नहीं बल्कि आर पार के लिए अनिश्चिकालीन आंदोलन का है. जनवरी 2020 का 4%, जुलाई 2020 के 3 % में से 1% मिलाकर 5% मंहगाई भत्ता 1 मई 2022 से दिया गया है. वर्तमान में जुलाई 2020 का 2%, जनवरी 2021 से 4%, जुलाई 2021 से 3%, जनवरी 2022 से 3% मिलाकर कुल 12% मंहगाई भत्ता लंबित है. कर्मचारियों को अब भी 6 वें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता मिल रहा है. जिसके कारण सभी शासकीय कर्मचारियों को प्रतिमाह लगभग 4 हजार से 16 हजार रुपये की आर्थिक क्षति हो रही है.''

कर्मचारियों का आक्रोश: वीरेंद्र दुबे का कहना है कि "प्रदेश में महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता की मांग को लेकर सभी कर्मचारियों में सरकार की हठधर्मिता को लेकर गहरा आक्रोश है. लगातार अलग-अलग बैनर तले धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को शासन के सामने रख रहे हैं. लेकिन बघेल सरकार द्वारा अभी इनकी किसी मांग को पूर्ण नहीं किया गया है."

पिछली 2 कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता बढ़ने का भरोसा दिया गया था, लेकिन 14 जुलाई की कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों के मंहगाई भत्ता पर निर्णय लेने के बजाय विधायकों के वेतन भत्ते में वृद्धि का फैसला लिया गया. इसके बाद से विभिन्न कर्मचारियों संघ में आक्रोश व्याप्त है.

हड़ताल से कामकाज ठप हो जाएगा: कर्मचारी संगठनों ने शुरुआत में 25 जुलाई से 29 जुलाई तक अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है. इसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. लेकिन 25 जुलाई से 29 जुलाई तक यदि कर्मचारियों ने हड़ताल किया तो छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में लगभग 9 दिन कामकाज बंद रहेगा. 23 और 24 को शनिवार और रविवार है. 25 से 29 जुलाई तक यह हड़ताल पर रहेंगे. इसके बाद 30 और 31 को फिर शनिवार और रविवार पड़ जाएगा. इस तरह सरकारी दफ्तर 9 दिन बंद रहेंगे. विधानसभा की कार्यवाही पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है. क्योंकि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कई सवाल या सूचनाएं ऐसी होती हैं, जो तत्काल लगाई जाती है. इसका जवाब संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी देते हैं. लेकिन हड़ताल पर होने की वजह से यह प्रभावित हो सकता है.

Last Updated : Jul 18, 2022, 12:31 PM IST

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