रायपुर: Employees strike in Chhattisgarh on DA and HRA छत्तीसगढ़ में सोमवार से सरकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल है. महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों ने हड़ताल बुलाई है. इस स्ट्राइक में छत्तीसगढ़ के करीब 96 कर्मचारी अधिकारी संगठन शामिल हो रहे हैं. हड़ताल की वजह से छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो सकता है Work affected in government offices of Chhattisgarh. रविवार की देर शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद लिपिक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल से अपने हाथ खींच लिए हैं. जानकारी के मुताबिक लिपिक संघ को सीएम ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगें पूरी कर ली जाएगी. जिसके बाद वह हड़ताल से अलग हो गए.
महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाने की मांग: छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को वर्तमान में राज्य सरकार की तरफ से 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा था. 16 अगस्त को सरकार ने प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों का 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता चाहिए. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को छठे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र के समान सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं due to Employees strike Work affected in government offices.
6 प्रतिशत कम मिल रहा महंगाई भत्ता: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का ने बताया "केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर उन्हें गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. वर्तमान में केंद्र सरकार 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है जबकि राज्य सरकार 22 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता कर्मचारी और अधिकारियों को दे रही हैं. राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को 6% महंगाई भत्ता कम दिया जा रहा है. " उधर शिक्षक संघ की महामंत्री गंगा शरण पासे का कहना है कि "केंद्र के अधिकारी और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता ज्यादा दिया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारी को यह कम मिल रहा है. जिस तरह से केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 25 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है उसी तरह राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ता मिलना चाहिए. "