रायपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोना संक्रमितों (Corona infected) की संख्या कम है. हालांकि इन दिनों मामलों में कुछ बढ़ोत्तरी देखी गई है. जो कि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की चिंता बढ़ा रहा है. कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर के वजह से दोबारा लॉकडाउन लगा दिया गया है. वहीं, भारत के भी कई राज्यों में दोबारा संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. जिसे तीसरी लहर भी कहा जा रहा है. इस वजह से बच्चों के टीकाकरण को लेकर भी रिसर्च चल रहा है. जल्द ही बच्चों के लिए भी वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो जाएगी. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) को वैक्सीनेशन के बूस्टर डोज (Booster dose of vaccination) की डिमांड की है.
आखिरकार ये बूस्टर डोज (Booster dose ) क्या है? इसे कब लगाया जाएगा? इसका फायदा क्या होगा? इस बारे में ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड रायपुर (Chhattisgarh Hospital Board Raipur) के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता (President Dr. Rakesh Gupta) से खास बातचीत (special conversation) की. आइए जानते हैं उन्होंने इस विषय में क्या कहा...
कोरोना की तीसरी लहर को देखते बूस्टर डोज की व्यवस्था
छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के रायपुर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि जब-जब कोविड संक्रमण (Corona Virus) बढ़ा है. बूस्टर डोज लगाने की बात सीनियर सिटीजन, हेल्थ केयर वर्कर्स (Health care workers), डॉक्टर्स को लेकर आई है. विदेशों में भी बूस्टर डोज लगायी जा रही है. अमेरिका, इजरायल जैसे देशों में बूस्टर डोज लग रहे हैं. भारत में भी जो लोग वैक्सीनेशन (vaccination) के शुरुआती दौर में दोनों डोज लगा चुके हैं. उनको लेकर अगर खतरा रहेगा, तो बूस्टर डोज उन्हें लगाने की जरूरत होगी. बूस्टर डोज जिसमें संक्रमण की ज्यादा संभावना और जिनकी उम्र ज्यादा है, उनको लगना चाहिए.