रायपुरः प्रदेशभर में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी के कारण परेशानी होती है. डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए शासन द्वारा समय-समय पर खाली पदों पर वैकेंसी निकाली जाती है. लेकिन डॉक्टर सरकारी अस्पतालों से अधिक निजी अस्पतालों में रुचि ले रहे हैं.
रायपुरः डॉक्टर नहीं ले रहे सरकारी अस्पतालों में रुचि, खाली पड़े कई पद
निजी अस्पतालों में पैकेज अच्छा मिलने के कारण सरकारी अस्पतालों की खाली पद के लिए निकाली गई वैकेंसी खाली ही रह जाती है.
सरकारी अस्पताल के भर्ती में रुचि नहीं ले रहे डॉक्टर
सीएमएचओ केआर सोनवानी ने बताया कि पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में डॉक्टर की कमी की खबरें लगातार आ रही हैं. शासन लगातार इस कमी को पूरा करने के लिए वैकेंसी निकाल रही है. वैकेंसी के बाद भी आवेदन नहीं आ रहा हैं. यदि 350 पदों पर प्रथम श्रेणी के डॉकटरों के लिए वैकेंसी निकाली जाती है, तो उसके लिए सिर्फ 60 से 70 भर्तियां ही हो पाती हैं. वर्तमान में राजधानी में 65 सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की आवश्यकता है, लेकिन केवल 7 से 8 डॉक्टरों की भर्ती हो पाई है.
उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में अच्छा पैकेज मिलने की वजह से डॉक्टर्स सरकारी अस्पतालों में काम करने की रुचि नहीं दिखा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती करवाया जाना बहुत आवश्यक है.