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ब्लैक फंगस से बढ़ते मरीजों के बीच बाजार में बढ़ी एंटी फंगल दवाइयों की डिमांड, ये हैं दाम

देश में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर समेत दूसरी दवाइयों की किल्लत के बीच अब एंटी फंगल मेडिसिन की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए हैं.

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बढ़ी एंटी फंगल दवाइयों की डिमांड

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Published : May 13, 2021, 8:33 PM IST

रायपुर:देश भर में कोरोना संक्रमण से उबर कर स्वस्थ हुए लोगों पर ब्लैक फंगस (Black fungus) का खतरा मंडराने लगा है. छत्तीसगढ़ में भी ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रायपुर एम्स में जहां 15 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं. वहीं भिलाई में एक युवक की मौत इससे हो चुकी है. इसी बीच ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल में होने वाले एंटी फंगल दवाइयों (anti fungal drug) की डिमांड बढ़ गई है.

ब्लैक फंगस से बढ़ते मरीजों के बीच बाजार में बढ़ी एंटी फंगल दवाइयों की डिमांड

एंटी फंगल के इंजेक्शन की डिमांड बढ़ी

रायपुर दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि ब्लैक फंगस काफी खतरनाक है. इसके इलाज के लिए अम्फोनेक्स (Amphonex), एम्फोटेरिसिन-बी (Amphotericin B) और पोसाकोनाजोल (posaconazole) इंजेक्शन का उपयोग सबसे ज्यादा होता है. हालांकि पहले इसकी मांग कम होने से दवा दुकानदार इसे कम ही मंगाते थे. वहीं कंपनियां भी कम प्रोडक्शन करती थीं. लेकिन देश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले के चलते इसकी डिमांड भी ज्यादा बढ़ गई है. कंपनियों ने प्रोडक्शन भी स्टार्ट कर दिया है.

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इंजेक्शन के ऑर्डर दिए गए

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के चलते बाजार में ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की कमी देखी जा रही है. रायपुर दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनय विनय कृपलानी ने बताया कि यदि पेशेंट बढ़ते हैं तो थोड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंजेक्शन के ऑर्डर किए गए हैं, जो चार-पांच दिनों में पहुंच जाएंगे. कृपलानी ने बताया कि एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन के तीन वेरिएंट मिलते हैं. नॉर्मल वेरिएंट के इंजेक्शन का दाम 350 रुपए का है. वहीं हाईएस्ट वेरिएंट के इंजेक्शन का रेट 7-8 हजार के आसपास है. एक पोसाकोनाजोल भी इंजेक्शन का इस्तेमाल इसमें होता है.

सरकार कर रही मॉनिटरिंग

विनय कृपलानी ने बताया कि इन दवाइयों की कालाबाजारी को कंट्रोल करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. जैसे रेमडेसिविर को स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल किया था. वैसे ही अब उम्मीद कर रहे हैं कि इन दवाओं का भी मैनेजमेंट स्वास्थ्य विभाग अच्छे से करेगा. हालांकि अभी से ही आदेश आ चुके हैं. जिन दवा दुकानदारों के पास जो भी स्टॉक है. उसका पूरा विवरण स्वास्थ्य विभाग को देना होगा. किस पेशेंट इंजेक्शन दिया जा रहा है. उसका पूरा ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग को दिया जा रहा है.

दवाओं के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण से होने की जानकारी को गंभीरता से लिया है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों को अपने जिलों में औषधि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरेसिन-बी (समस्त डोसेज फॉर्म, टैबलेट, सिरप, इंजेक्शन एवं लाइपोसोमल इंजेक्शन) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं. खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक (Controller of food and drug administration) ने औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के अंदर सभी हॉलसेलर, स्टॉकिस्ट, सीएंडएफ से उक्त औषधियों की वर्तमान में उपलब्ध मात्रा की जानकारी हर रोज लें. औषधि निरीक्षक अपने क्षेत्र के सभी औषधि प्रतिष्ठानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें.

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