रायपुर:छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शहर के स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम हर दिन काम कर रहा है. निगम शहर को स्वच्छ रखने के लिए कई तरह के नए प्रयोग भी कर रहा है. लोगों को गीत के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है. इसके अवाला डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है.
कोरोना के बीच अपनी जिम्मेदारी निभा रहे कोरोना वॉरियर्स निगम शहर की सफाई के साथ स्वच्छताकर्मियों का भी विशेष ध्यान रख रहा है. सभी सफाईकर्मियों को मास्क, गलब्स के साथ सुरक्षा के तमाम उपकरण उप्लब्ध कराया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है, कोरोना संक्रमण के बीच सफाईकर्मी काम कर रहे हैं, वह काबिले तारीफ है. एक तरफ जहां लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, ऐसे समय में गंदगी को साफ करना और शहर को स्वच्छ बनाए रखने में सफाईकर्मियों की बहुत बड़ी भूमिका है, ऐसे में उनका कार्य सराहनीय है.
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प्रतिदिन 500 टन कचरा निकलता है
रायपुर शहर में तकरीबन हर दिन 500 टन मात्रा में कचरा निकलता है. इनमें 300 टन गीला कचरा और 200 टन मात्रा में सूखा कचरा निकलता है. सफाईकर्मी रोजाना इन कचरों को कलेक्ट कर सरोना ट्रेंचिंग ग्राउंड में डंप करते हैं.
सफाईकर्मियों को मिले अतिरिक्त बोनस
रायपुर के महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि जहां कोरोना वायरस से लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं, सफाईकर्मी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे लगातार अपना काम मुस्तैदी के साथ कर रहे हैं. जिससे शहर के हर वार्ड में साफ-सफाई अच्छे हो रही है. ढेबर ने बताया कि वे सरकार से मांग करेंगे कि जिस तरह से कोरोना संकट के बीच जो सफाईकर्मी लगातार काम कर रहे हैं और जो कर्मी कोविड-19 से मृत हुए लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, ऐसे लोगों को 1 से 2 महीने का वेतन बोनस के रूप में मिलना चाहिए.