रायपुर:छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस परिषद के जरिए प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं को प्रोत्साहित करना चाहती है. साथ ही प्रदेश की कला, संस्कृति, संगीत, साहित्य, नृत्य, रंगमंच, चित्र, शिल्पकारी, सिनेमा और लोक कलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मंच प्रदान किया जाएगा.
मंत्री अमरजीत भगत से खास बातचीत संस्कृति परिषद के प्रारूप और काम को लेकर ETV भारत ने अमरजीत भगत से खास बातचीत की. इस दौरान अमरजीत ने बीजेपी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की संस्कृति के विकास को बढ़ावा न दिए जाने का आरोप भी लगाया. भगत ने बताया कि यह परिषद आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इस परिषद के जरिए सभी को एक छतरी के नीचे लाने का प्रयास किया गया है. जिससे यहां की संस्कृति, लोक कला और नृत्य आदि को बढ़ावा दिया जा सके.
'भाजपा शासन में सिर्फ इवेंट्स हुए'
भगत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा शासनकाल में प्रदेश में सिर्फ इवेंट्स ही हुए हैं. संस्कृति को प्रोत्साहित करने का कोई काम नहीं हुआ है, लेकिन अब इस संस्कृति परिषद के बनने के बाद सभी को एक मंच पर लाकर उसके संचालन में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भूपेश सरकार के आने के बाद संस्कृति कला को लेकर कई काम किए गए हैं. आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसे बड़े आयोजन प्रदेश में हुए हैं. इसके चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को एक पहचान मिली है. लोग अब छत्तीसगढ़ को जानने लगे हैं.
भाजपा परेशान क्यों: अमरजीत
भाजपा की ओर से गोबर पर हो रही राजनीति को लेर मंत्री ने कहा कि बीजेपी विपक्ष में है, वह कुछ भी बोल सकती हैं, लेकिन गौ माता की जय बोलने वाले अब परेशान क्यों हैं. भगत का कहना है कि भाजपा ने गौमाता के नाम का उपयोग किया है, लेकिन कुछ दिया नहीं. गौशाला के नाम पर भाजपा ने सिर्फ अनुदान लिया है.