रायपुर:दुनियामें भारत सोने की सबसे ज्यादा खपत करने वाले देशों में से एक है. पारंपरिक रूप से देश में सोने की ज्यादातर खपत आभूषणों की है. यही कारण है कि त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के मौसम में देश में सोने के दाम बढ़ जाते हैं. हालांकि सिर्फ शादियों के मौसम में इस पीली धातु की कीमत नहीं बढ़ती. तमाम ऐसे कारण हैं, जो सोने के दाम को चढ़ाते और गिराते हैं. देश में सोने की मांग काफी कुछ सांस्कृतिक, परंपरा, इन्वेस्टमेंट और सौंदर्य से जुड़ी हुई है.
आयात शुल्क कम होने से कीमत में आई गिरावट
सोने की कीमतों में पिछले एक से डेढ़ महीने में ₹8000 से ज्यादा की गिरावट देखी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन आने से सोने के आयात पर लगने वाली ड्यूटी में कटौती के चलते दाम गिर रहे हैं. बजट में सोने के आयात पर लगने वाले 12.5% शुल्क को घटाकर 7.5 % कर दिया गया है. इस वजह से बाजारों में सोने की कीमत लगातार गिर रही है. लगातार सोने की कीमत गिरने से ग्राहकों के लिए एक सुनहरा मौका बन गया है.
एक हफ्ते में 2000 से ज्यादा कम हुआ दाम
भंसाली ज्वेलर्स के मालिक अनिल भंसाली ने बताया कि भारत सरकार की तरफ से एक्साइज ड्यूटी कम की गई है. इस वजह से सोने के दाम देश में कम हो गए हैं. वहीं इंटरनेशनल मार्केट में उठाव कम होने की वजह से भी सोने के दाम नीचे आए हैं. यह ग्राहकों के लिए सोना खरीदी का अच्छा मौका है. भविष्य में सोने के दाम इससे नीचे होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. उन्होंने बताया कि पिछले साल सोने के दाम ज्यादा होने के चलते ग्राहक कम सोना खरीद रहे थे. अब सोने का दाम कम होने के चलते सराफा बाजारों में ज्यादा रौनक दिखाई पड़ रही है. शादियों का मौसम चल रहा है. लिहाजा काफी सोना ऑर्डर हो रहा है. एक हफ्ते पहले सोने का दाम 48,500 था. अब 46,200 हो गया है. यानी 2000 से ज्यादा दाम गिरे हैं.