रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस बार बजट सत्र हंगामेदार होने जा रहा है. छत्तीसगढ़ में 22 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र को लेकर अब तक 1900 से ज्यादा सवाल तैयार हैं. सबसे ताज्जुब की बात ये है कि इस बजट सत्र में भाजपा नेताओं से ज्यादा कांग्रेस के विधायकों के सवाल हैं. स्थानीय समस्याओं से लेकर कानून व्यवस्था को लेकर विधायकों ने सवाल तैयार किए हैं.
'सत्ता पक्ष के लोग भी सरकार से असंतुष्ट'
बजट सत्र में कांग्रेस विधायकों के ज्यादा सवाल लगाए जाने को लेकर भाजपा ने तंज कसा है. भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी सच्चिदानंद उपासने ने कहा है कि कांग्रेस में घोर असंतोष है. मात्र दो से तीन लोगों के भरोसे ही सरकार चल रही है. इसके चलते ही कांग्रेस के विधायक असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों की ओर से ही ज्यादा सवाल पूछना एक तरह से उनकी पार्टी से नाराजगी को दिखाता है.
सत्ता पक्ष ने किया पलटवार
इसपर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के 70 विधायक हैं और विपक्ष के मात्र 20 विधायक हैं. स्वभाविक है कि सत्ता पक्ष की तरफ से मंत्रिमंडल के 13 सदस्यों को छोड़कर प्रश्न लगाने वाले सदस्यों की संख्या ज्यादा होगी. मंत्री ने कहा कि विधानसभा में प्रश्न लगाना विधायकों के सक्रियता को प्रदर्शित करता है.
बजट सत्र 22 फरवरी से 26 मार्च तक
विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, सत्र में कुल 1915 सवाल लगाए गए हैं. विधानसभा सचिवालय में 23 जनवरी को सवाल लगाने की प्रक्रिया विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू हो गई थी. पहले दिन ही 16 तारांकित और 5 तारांकित सवाल लगाए गए. 12 फरवरी तक तारांकित सवालों की संख्या बढ़कर 1039 हो गई. वहीं अतारांकित सवालों की संख्या 876 हो गई. सचिवालय की ओर से मंगलवार से ध्यानाकर्षण और स्थगन प्रस्ताव भी लेना शुरू कर दिया गया है. एक सदस्य से 46 ध्यानाकर्षण और 23 स्थगन प्रस्ताव लिए जा रहे हैं.