रायपुर:पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद उनकी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है. पार्टी के पदाधिकारी अब कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं, लेकिन इस उठापटक में अब कांग्रेस के नेताओं में भी असंतोष फैलने लगा है.
बीते मंगलवार को अजीत जोगी के करीबी रहे ज्ञानेंद्र उपाध्याय जोगी कांग्रेस का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में आने के बाद ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद भी लिया. बताते हैं, अजीत जोगी के चुनाव की कमान ज्ञानेंद्र के हाथों में रहता था. ऐसे में उनका कांग्रेस में जाना जनता कांग्रेस और अमित जोगी के लिए बहुत बड़ा झटका है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो मरवाही में अमित जोगी की राह अब आसान नहीं होगी, क्योंकि अजीत जोगी और अमित जोगी मरवाही सिर्फ चुनाव लड़ने जाते थे. बाकी मरवाही विधानसभा का पूरा कार्यभार ज्ञानेंद्र उपाध्याय ही संभालते थे. ऐसे में ज्ञानेंद्र उपाध्याय का कांग्रेस में जाना जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के लिए मुसीबत बन सकता है.
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ज्ञानेंद्र के इस्तीफे का विरोध
जोगी कांग्रेस के नेताओं के कांग्रेस में जाने का एक दूसरा पहलू भी है. जैसे ही ज्ञानेंद्र उपाध्याय के कांग्रेस में प्रवेश की सूचना आई, देर रात मरवाही से कांग्रेसी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का इस्तीफा देने का दौर भी शुरू हो गया. बताते हैं, मरवाही के जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता सहित कई कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. सभी ने पीसीसी चीफ मोहन मरकाम को अपना इस्तिफा सौंप दिया है. यह इस्तीफा ज्ञानेंद्र के कांग्रेस प्रवेश के विरोध में दिया गया है. इस घटना के बाद ही राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस में फूट को लेकर चर्चा शुरू हो गई.