रायपुर :छत्तीसगढ़ में सियासी तूफान इस बार सरकार और कांग्रेस संगठन दोनों में नजर आ रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdev) के बीच बढ़ी दूरी फिर दिल्ली में छत्तीसगढ़ की कुर्सी के लिए आलाकमान के सामने चले सियासी खेला के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया के सामने ऐलान किया था कि अगले हफ्ते ही राहुल गांधी छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे. इस दौरान वे छत्तीसगढ़ मॉडल में हुए विकास कार्यों का जायजा लेंगे.
भूपेश बघेल की घोषणा के मुताबिक इस हफ्ते राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का दौरा हो जाना था, लेकिन अब तक उनका कोई प्रोग्राम तय नहीं हो पाया है. यहां तक कि वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव जो लगातार दिल्ली में बने हुए थे, उन्होंने भी कह दिया है कि उन्हें राहुल गांधी के दौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वहीं राहुल के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर अभी तक कोई कार्यक्रम तय नहीं हो पाने से सीएम की "कुर्सी" पर असमंजस बरकरार है. जबकि कई राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह आलाकमान का कोई संकेत तो नहीं.
लड़ाई थमी तो है, पर खत्म नहीं हुई !
वहीं करीब एक महीने से चल रही कांग्रेस की घर की लड़ाई अभी थमी हुई तो जरूर नजर आ रही है, लेकिन यह खत्म हो गई ऐसा नहीं है. राजनीतिक गलियारों में तो यहां तक चर्चा है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी की चाहत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के अंतर्कलह का फायदा कहीं भाजपा को न हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो फिर कांग्रेस में चल रही इस लड़ाई का फायदा निश्चित रूप से भाजपा को मिल सकता है.
आखिर क्यों कहा गया कि राहुल आने वाले हैं छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर लगातार बहस और कयास का दौर चलता रहा है. पिछले दिनों दिल्ली से आलाकमान ने भूपेश बघेल को अचानक तलब किया. सिंहदेव पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे. राहुल गांधी ने दोनों नेताओं से लंबी बातचीत की थी. इस मुलाकात को दिल्ली से लेकर रायपुर तक की मीडिया ने सत्ता परिवर्तन के एपिसोड से जोड़कर देखा. हालांकि छत्तीसगढ़ लौटते ही भूपेश बघेल ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. छत्तीसगढ़ में हुए विकास कार्यों पर चर्चा के लिए उन्हें बुलाया था.