रायपुर : सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा (CM Bhupesh attacks on BJP ) है. सीएम भूपेश ने कहा कि अपने 15 साल के शासन में बीजेपी ने 3000 स्कूल बंद किए. भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासी बच्चे पढ़ें.'' दरअसल बीजेपी का आरोप है कि महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के भविष्य का कबाड़ा करने के लिए सरकार आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल महाविद्यालय बिना किसी योजना के खोलने जा रही है. जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया (cm bhupesh said on atmanand school ) है.
भाजपा ने 15 साल में 3 हजार स्कूल किए बंद, वो नहीं चाहते थे कि आदिवासी पढ़ें लिखें 15 साल में बीजेपी ने कुछ नहीं किया : सीएम बघेल ने कहा कि ''15 साल तो मौका मिला कुछ कर नहीं पाए. 3000 स्कूलों को बंद कर दिया (schools closed under BJP rule in naxal affected areas ) गया. आदिवासी अंचल के स्कूलों को बंद किया गया था. शिक्षा से दूर कर दिया गया. बस्तर में 600 गांव उजाड़ दिए गए. बस्तर के अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों ने ब्लास्ट कर सारे स्कूल बिल्डिंग ध्वस्त कर दिया था. सारे स्कूलों को सड़क के किनारे कैंपों में लगाया गया था. इस साल 270 स्कूलों को फिर से शुरू किया गया. वह तो चाहते ही नहीं थे कि आदिवासी पढ़ें लिखें. आज हमारे द्वारा बस्तर में बस्तर फाइटर की भर्ती की जा रही है. लेकिन वहां पढ़े-लिखे लोग नहीं मिल रहे हैं. 15 साल से बच्चों की पढ़ाई बंद थी. अब हमने पढ़ाई शुरू किया.''
जनता की डिमांड पर जिलों का निर्माण :दो नए जिले की सौगात पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जनता की डिमांड पर जिलों का निर्माण हो रहा है. राज्य सरकार ने पौने चार साल में 6 जिले और 85 तहसीलों का निर्माण किया है. वहीं महंगाई पर आंदोलन के मुद्दे पर सीएम ने कहा, यह कांग्रेस का नहीं जनता का मुद्दा है. दिल्ली में महारैली है. 2024 चुनाव में महंगाई और बेरोजगारी एक अहम मुद्दा होगा.
बस्तर में 400 से अधिक स्कूल हो गए थे बंद: बस्तर में करीब 15 साल पहले नक्सलवाद के खिलाफ चलाये गए अभियान.. सलवा जुड़ूम के दौरान हुई हिंसा में इन इलाके के विद्यालय बंद हो गए थे. जगदलपुर के वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र बाजपेयी के मुताबिक तब नक्सलियों ने स्कूलों की इमारतों को बम से उड़ा दिया था. नक्सली मानते थे कि सलवा जुड़ूम के कार्यकर्ता और सुरक्षा बल के जवान स्कूल भवनों का उपयोग छिपकर हमला करने के लिए करते हैं. दो पक्षों के बीच छिड़ी जंग का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ा. 15 साल के लंबे इंतजार के बाद इन इलाकों के करीब 260 स्कूलों में शिक्षा शुरू हो पाई है.
बघेल सरकार ने जून 2022 में 260 स्कूलों को फिर से खोला: 16 जून 2022 को छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया. इस उत्सव के दौरान बस्तर में बघेल सरकार ने करीब 260 स्कूलों को दोबारा खोलने का काम किया है. नक्सल प्रभावित चार जिलों- सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में डेढ़ दशक से बंद पड़े 260 स्कूलों में पढ़ाई शुरू हुई. करीब 11 हजार 13 बच्चों ने इसमें प्रवेश लिया. बीजापुर जिले में सबसे अधिक 158, सुकमा जिले में 97, नारायणपुर जिले में 4 और दंतेवाड़ा जिले में एक बंद स्कूल फिर से खोले गए. शाला प्रवेश उत्सव के साथ ही प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसरों में 6 हजार 536 बालवाड़ियों को भी शुरू किया गया
ज्ञान दूत की हुई नियुक्ति:बस्तर में 15 वर्षों से बंद स्कूल खुलने से नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चों में उत्साह और पालकों में खुशी है.'' बीजापुर जिले में साल 2005 से 300 स्कूल बंद थे. इनमें से कडेनाल,पड़ेदा, काकेकोरमा, पालनार, पुसनार समेत 158 बंद स्कूलों को खोला गया. स्कूल के संचालन के लिए ग्रामों में ज्ञान दूत की नियुक्ति की गई. जिनके माध्यम से शिक्षा जारी है..