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छत्तीसगढ़ी परंपरा को बढ़ाएगा छत्तीसगढ़ी कैलेंडर, बाजार में बढ़ी डिमांड

Chhattisgarhi calendar prepared in raipur बाजार में इन दिनों छत्तीसगढ़ी कैलेंडर की डिमांड काफी बढ़ गई है. राजधानी के ईश्वर साहू "बंधी" ने छत्तीसगढ़ी पंचांग बछर निकाला है. ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ी पंचांग बछर को तैयार करने वाले ईश्वर साहू से खास बातचीत की.

increased demand of Chhattisgarhi calendar
छत्तीसगढ़ी कैलेंडर की बाजार में बढ़ी डिमांड

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Published : Nov 29, 2022, 6:22 PM IST

रायपुर: एक महीने बाद नया साल शुरू हो जाएगा. ऐसे में हम बाजारों में कैलेंडर लेने जरूर जाते हैं. लेकिन बाजार में इन दिनों छत्तीसगढ़ी कैलेंडर की डिमांड काफी बढ़ (increased demand of Chhattisgarhi calendar) गई है. राजधानी के ईश्वर साहू "बंधी" ने छत्तीसगढ़ी पंचांग बछर निकाला है. वहीं सोमवार छत्तीसगढ़ी भाषा दिवस के मौके पर इस पंचांग का विमोचन भी किया गया. ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ी पंचांग बछर को तैयार करने वाले ईश्वर साहू से खास बातचीत की. Chhattisgarhi calendar prepared in raipur

छत्तीसगढ़ी कैलेंडर की बाजार में बढ़ी डिमांड




सवाल: छत्तीसगढ़ी कैलेंडर बनाने का विचार आपको कब आया और इसकी शुरुआत कब की गई?
जवाब: मैं हमेशा हिंदी कैलेंडर देखा करता था. छत्तीसगढ़ में हिंदी कैलेंडर की बिक्री अधिक होती है. लेकिन उन कैलेंडर में छत्तीसगढ़ी संस्कृति और यहां के त्योहारों को नहीं दर्शाया जाता है. इस बात की जरूरत महसूस हुई कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी कैलेंडर होना चाहिए, जिसमें यहां के तीज त्यौहार और महापुरुषों का भी उल्लेख हो. इस उद्देश्य से मैंने कैलेंडर को बनाया है. Chhattisgarhi calendar bachhar


सवाल: कैलेंडर तैयार करने में कितना समय लगा ?
जवाब: कैलेंडर बनाने से पहले मैंने रिसर्च किया. जिसमें कैलेंडर बनाने के लिए किन मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है, इन सभी चीजों को करने के लिए मुझे 6 महीने का वक्त लगा. इसकी डेमो डिजाइन तैयार की गई. इसकी शुरुआत सबसे पहले 2018 में की गई थी. अब इसे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इस साल भी छत्तीसगढ़ी पंचांग बछर को लोग खरीद रहे हैं.

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सवाल:ईश्वर साहू ने आपने नाम पर "बंधी" लिखा है? इसका क्या अर्थ है?
जवाब: मेरा नाम ईश्वर साहू है और ईश्वर साहू नाम के बहुत से लोग हैं. मैं अपनी जन्मभूमि का नाम अपने नाम के साथ रखना चाहता था, इसलिए मैंने अपने नाम के आगे अपने गांव का नाम लिखा. मैं मूलतः बंधी गांव का रहने वाला हूं, जो बेमेतरा जिले में आता है.




सवाल: छत्तीसगढ़ी पंचांग की मार्केट में डिमांड है, कैलेंडर के दाम आपने कितना तय किया है?

जवाब: बाजार में जो अन्य कैलेंडर आ रहे हैं, उनके दाम 70 रुपए से 80 रुपए हैं. इसका दाम 52 रुपए निर्धारित किया गया है, लेकिन यह बाजार में 40 रुपए में आपको मिल जाएगा. हमारा उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के हर घरों में यह कैलेंडर पहुंचे, यह उद्देश्य है.

सवाल:अन्य कैलेंडर से यह अलग क्यों है?
जवाब: इस कैलेंडर में मुख्य जानकारी दी गई है, खास तौर पर इसे छत्तीसगढ़ी भाषा में तैयार किया गया है. इसमें सरकारी छुट्टी के अलावा छत्तीसगढ़ के महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि का भी उल्लेख है. इसके साथ ही राष्ट्रीय पर्व और त्योहार इसमें शामिल हैं. हम छत्तीसगढ़िया होने के साथ भारतीय भी हैं, इसलिए लोगों को यह न लगे कि इसमें केवल छत्तीसगढ़ की चीजें शामिल हैं. इस देश के अन्य राष्ट्रीय और बड़े त्योहारों को भी शामिल किया गया है.




सवाल: सरकार ने शासकीय कार्यालयों में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर लगाने का आदेश जारी किया है. आपने छत्तीसगढ़ महतारी की जो तस्वीर डिजाइन की थी, उसे ही लोग फॉलो कर रहे हैं. तो आपको कैसा महसूस होता है ?
जवाब: मेरे लिए यह गर्व की बात है. एक समय मैं इंटरनेट में सर्च किया करता था. लेकिन छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर मिलती थी, लेकिन वह ऐसा नहीं था कि जिसे डिजाइन में शामिल किया जाए. उस दौरान छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना का आंदोलन भी चल रहा था. क्योंकि मैं ग्राफिक डिजाइनिंग का काम करता हूं और इसलिए मैंने छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो तैयार की. जिसे मैने सोशल मीडिया में डाल दिया. यदि लोग इसका इस्तेमाल करने लगे और आज जब सरकारी कार्यालयों में मेरे द्वारा तैयार की गई छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो को लगाया जाता है, तो मुझे अच्छा लगता है.




सवाल: सरकारी कार्यालयों में आपके द्वारा बनायी गई तस्वीरें इस्तेमाल हो रही हैं, क्या आपको सरकार की ओर से सम्मानित किया गया है ?
जवाब: अभी तक सरकार की ओर से मुझे कोई भी कॉल नहीं आया है, ना ही कोई प्रशस्ति प्रमाण है. लेकिन वह भी दिन दूर नहीं है, जब सरकार इस बात को संज्ञान लेगी. फिलहाल इसके लिए मैं इंतजार ही कर सकता हूं.

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