रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य समारोह रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड पर हुआ. यहां परेड में केंद्रीय सुरक्षा बलों की टीम के साथ साथ राज्य की पुलिस टीम भी शामिल रही. इस परेड में ओडिशा पुलिस की टीम ने भी हिस्सा लिया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मार्च पास्ट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सुरक्षा बलों के अधिकारियों और जवानों को पुरस्कार से नवाजा.
Independence Day 2023: रायपुर में आजादी का जश्न, अर्धसैनिक बलों ने परेड में जीता पुरस्कार, छत्तीसगढ़ जेल दस्ते ने भी किया कमाल
Independence Day 2023 रायपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह में अर्धसैनिक बलों की टीम ने कमाल कर दिया. इस बार रायपुर पुलिस परेड ग्राउंड पर हुए परेड में सीआईएसएफ, बीएसएफ और ओडिशा पुलिस को बेहतरीन परेड के लिए सम्मान मिला. राज्य सशस्त्र बल वर्ग की बात करें तो, इसमें मार्च पास्ट के लिए पहला पुरस्कार छत्तीसगढ़ जेल दस्ते को दिया गया
CISF की टुकड़ी को मिला प्रथम स्थान: केन्द्रीय सशस्त्र बल के वर्ग में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की टुकड़ी को प्रथम स्थान मिला. इसका नेतृत्व उपनिरीक्षक विजय सिंह ने किया. मार्च पास्ट में दूसरे स्थान पर सीमा सुरक्षा बल का दस्ता रहा. जिसका नेतृत्व उपनिरीक्षक हेमकरण पारिक ने किया. विभु प्रसाद प्रधान निरीक्षक के नेतृत्व में मार्च पास्ट का तृतीय पुरस्कार ओडिशा पुलिस को प्रदान किया गया.
छत्तीसगढ़ जेल दस्ते को मिला पहला पुरस्कार:राज्य सशस्त्र बल वर्ग में मार्च पास्ट के लिए पहला पुरस्कार छत्तीसगढ़ जेल दस्ते ने जीता. इसकी अगुवाई सहायक जेल अधीक्षक राहुल गंगराले ने की. छत्तीसगढ़ सशस्त्र महिला बल की टुकड़ी ने उपनिरीक्षक उमा ठाकुर के नेतृत्व में दूसरा स्थान प्राप्त किया. उपनिरीक्षक शांति लकड़ा के नेतृत्व में नगर सेना की टुकड़ी ने मार्च पास्ट में तीसरा स्थान हासिल किया. इसी प्रकार एनसीसी जूनियर वर्ग की टुकड़ियों की बात करें तो. इसमें प्रणाली रंगारी नेतृत्व में एनसीसी सीनियर विंग गर्ल्स टुकड़ी को पहला और शचेतन पांडेय के नेतृत्व में एनसीसी सीनियर डिवीजन बॉयस के दल को दूसरा स्थान मिला.
छत्तीसगढ़ जेल दस्ते की टीम से ईटीवी भारत ने की बात: छत्तीसगढ़ जेल दस्ते की टीम से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने इस पल को काफी यादगार पल बताया. सहायक जेल अधीक्षक राहुल गंगराले ने कहा कि " हम बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. यह प्लाटून कमांडर या सहायक प्लाटून कमांडर की मेहनत नहीं यह प्लाटून के हर एक जवान की मेहनत का नतीजा है. किसी भी वर्दीधारी के लिए परेड अनुशासन का जज्बा है. हमारी प्रैक्टिस 31 जुलाई से चल रही थी. हम सुबह 8 बजे से 11 बजे और दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक प्रैक्टिस करते थे. जिसकी वजह से हम आज यह पुरस्कार हासिल कर सके हैं. हमारी टीम में 38 सदस्य थे. "
करीब सात साल बाद छत्तीसगढ़ जेल पुलिस के दस्ते ने परेड में अपना परचम लहराया है. पुरस्कार मिलने की खुशी में जेल दस्ते और केंद्रीय सुरक्षा बलों के कर्मियं ने जश्न मनाया.