रायपुर:वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली. मंगलवार को दुर्ग में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा. गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि निधन की खबर से बड़ी पीड़ा हुई. उनका जाना कांग्रेस परिवार और हम सभी के लिए बड़ी क्षति है.
मोतीलाल वोरा के निधन पर ताम्रध्वज साहू ने जताया दुख ताम्रध्वज साहू ने कहा कि वोरा बहुत बड़े-बड़े पदों पर रहे हैं. वे अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, केंद्रीय मंत्री रहे, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, राज्यपाल रहे और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में रहे हैं. साहू ने कहा कि मैं उनकी ऊंगली पकड़कर राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ा हूं. उनके साथ मेरा गहरा लगाव रहा है. उनका जाना राजनीति के लिए बहुत बड़ी क्षति है, जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती है. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.
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पांच दशकों में वोरा ने निभाई कई जिम्मेदारियां
वोरा ने अपने पांच दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में पार्टी और सरकार में कई अहम भूमिकाएं निभाईं. वह इस साल अप्रैल तक राज्यसभा के सदस्य रहे. कुछ महीने पहले तक वे कांग्रेस के महासचिव (प्रशासन) की भूमिका निभा रहे थे. उन्होंने करीब दो दशकों तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और संगठन में कई अन्य जिम्मेदारियां निभाईं.
वोरा ने 1988 में संभाला नागरिक उड्डयन मंत्रालय
- मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने.
- इसके बाद में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त हुए.
- 13 फरवरी 1985 में मोतीलाल वोरा को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया.
- 13 फरवरी 1988 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दिया.
- 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला.
- वे दो बार (1985 से 1988 और जनवरी 1989 से दिसंबर 1989 तक) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे.
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पत्रकारिता को छोड़ राजनीति में आए
- मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया. वोरा ने कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया.
- मोतीलाल वोरा ने 1968 में राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा.
- इसके बाद उन्होंने 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता. वोरा मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए.
- वे 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए.
- उन्हें 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया.