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बड़ा फैसला: छत्तीसगढ़ में धान और गन्ने से बनाया जाएगा एथेनॉल, 54 रुपए लीटर में खरीदेगी केंद्र सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं. जिसमें केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ छत्तीसगढ़ में धान और गन्ने से एथेनॉल बनाने के लिए प्लांट लगाया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार करीब 10 हजार करोड़ रुपए निवेश करेगी. इसके अलावा CM भूपेश बघेल ने केंद्र के नए कृषि कानूनों और केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान के बयान पर कटाक्ष किया है.

CM Bhupesh Baghel
CM भूपेश बघेल

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Published : Oct 20, 2020, 3:36 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 4:22 PM IST

रायपुर:CM भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने किसानों के मुद्दों समेत केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान के बयान पर कटाक्ष किया है. CM ने कहा कि धान से एथेनॉल बनाया जाएगा. 4-5 कंपनियों से राज्य सरकार ने MoU किया है.

भूपेश सरकार का बड़ा फैसला

CM बघेल ने केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे मंत्री ने चुनौती पहले ही स्वीकार कर ली थी. लेकिन कोई बहस करने नहीं आया. दरअसल केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कृषि कानूनों पर बहस की चुनौती दी थी. जिसे लेकर CM भूपेश बघेल ने भी निशाना साधा है.

कृषि कानूनों में बदलाव की जरूरत

केंद्र सरकार के बनाए गए नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ राज्य सरकार ने पहले ही अपना विरोध दर्ज करा दिया था. CM भूपेश बघेल ने कहा कि कृषि कानून में बदलाव करना चाहिए. अनाज खरीदने की व्यवस्था FCI करती है. राज्य सरकार एक माध्यम है. जब एजेंसी है तो केंद्र सरकार लिमिट क्यों तय करती है.

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हम किसानों को धोखा नहीं दे सकते

CM बघेल ने कहा कि मोदी जब पीएम बने तब नियम में संशोधन हुआ. जहां बोनस दिया जाएगा, वहां से धान खरीदी नहीं की जाएगी. इसका हम लगातार विरोध कर रहे हैं. केंद्र ने अधिक धान लेने से इनकार कर दिया था. हमारे सामने ये समस्या थी कि प्रदेश में धान के अलावा दूसरी फसल नहीं होती है. लेकिन केंद्र सरकार नहीं मानी. लेकिन हम किसानों को धोखा नहीं दे सकते हैं. उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार देर-सबेर मंडी बंद करना चाहती है. MSP भी बंद करना चाहती है.

मंत्रियों और पीएम को पत्र लिखा

CM भूपेश बघेल ने कहा कि हमने कृषि विशेषज्ञों की कार्यशाला और वैज्ञानिकों से रिसर्च के आधार पर एथेनॉल के लिए काम शुरू किया. इसके लिए हमने केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियों और पीएम को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि हम गन्ना और धान दोनों से एथेनॉल बनाएंगे. उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार यदि एथेनॉल बनाना चाहती है तो एफसीआई से ही प्लांट क्यों. ऐसे में हमारे राज्य के धान का उपयोग कैसे हो पाएगा.

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क्या होगा फायदा

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने कहा कि फ्यूल उस धान से बनेगा जो सेंट्रल पूल और स्टेट पूल में खरीदी के बाद भी बच जाता है. इससे किसानों को धान बेचने के अलावा अतिरिक्त आय होगी. जहां प्लांट लगेगा, वहां लोगों को रोजगार मिलेगा. किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. मंत्री रविंद्र चौबे ने इस दौरान केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार के साथ मिलकर केंद्र सरकार वहां प्लांट लगाए जिन जिलों में उत्पादन ज्यादा है.

हमारी कोशिश होगी कि हमारे राज्य के पूरे धान का उपयोग हो सके. एथेनॉल को लेकर छत्तीसगढ़ की जनता जानती है कि इसके लिए हमने प्रयास किया है. केंद्र सरकार 54 रुपए लीटर प्रति लीटर के भाव से एथेनॉल खरीदेगी. इसके लिए 1 साल के भीतर छत्तीसगढ़ में प्लांट लगा दिया जाएगा.

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सत्र बुलाने से नहीं रोक सकते राज्यपाल

विधानसभा सत्र को लेकर राजभवन से टकराव पर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी बिल विधानसभा से पास होने के बाद राजभवन जाता है. सबसे पहली बात है कि जो पूर्ण बहुमत की सरकार है उसे सत्र बुलाने से राज्यपाल नहीं रोक सकते हैं. इसके बाद भी अगर कोई जवाब तलब होगा तो जवाब जरूर देंगे.

क्या होता है एथेनॉल

छत्तीसगढ़ सरकार लगातार धान से एथेनॉल बनाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी की मांग कर रही थी. बता दें एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल ही किया जा सकता है. इसे शर्करा वाली फसलों से भी तैयार किया जा सकता है. लेकिन इसके इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है. एथेनॉल में 35 फीसदी तक ऑक्सीजन होता है. एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल माना जाता है. साथ ही पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित भी रखता है. एक्सपर्ट का मानना है कि एथेनॉल फ्यूल हमारे पर्यावरण और गाड़ियों के लिए सुरक्षित है.

Last Updated : Oct 20, 2020, 4:22 PM IST

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