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ODF प्लस गांव के लिए छत्तीसगढ़ को मिला दूसरा पुरस्कार, टीएस सिंहदेव ने दी जनता को बधाई

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Published : Oct 2, 2020, 9:48 PM IST

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज 2 के अंतर्गत भारत सरकार ने 8 अगस्त से 15 अगस्त 2020 तक चलाए गए गंदगी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के 62 गांव को ODF प्लस घोषित किया है.

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स्वच्छता में छत्तीसगढ़ का दूसरा स्थान

रायपुर: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के गंदगीमुक्त भारत अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ को सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांव के लिए दूसरा पुरस्कार मिला है. केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती और स्वच्छ भारत दिवस के मौके पर आयोजित ऑनलाइन समारोह में छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार प्रदान किया.

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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस उपलब्धि के लिए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की राज्य, जिला, विकासखंड और ग्राम पंचायत की पूरी टीम को बधाई दी है. उन्होंने ओडीएफ प्लस गांव के पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की जागरूकता की सराहना करते हुए आगे भी गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए सक्रिय और जागरूक रहने कहा है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के फेस-1 के क्रियान्वयन में भी छत्तीसगढ़ अग्रणी रहा है. स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विश्व बैंक ने छत्तीसगढ़ को वर्ष 2018 और 2019 में 174 करोड़ रूपए की राशि परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में दी थी. इस वर्ष भी विश्व बैंक ने 68 करोड़ रूपए की राशि परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में राज्य को दी है. मिशन के फेस-2 के अंतर्गत ओडीएफ के स्थायित्व सहित ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर देकर सभी गांवों को स्वच्छ बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

62 गांव ओडीएफ प्लस घोषित

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेस-2 के तहत भारत सरकार ने इस साल 8 अगस्त से 15 अगस्त तक चलाए गए गंदगीमुक्त भारत अभियान में प्रदेश के 62 गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है. सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में दूसरा स्थान मिला है. गंदगीमुक्त भारत अभियान के अंतर्गत 8 कड़े मापदंडों पर खरे उतरने वाले गांवों को ओडीएफ प्लस का दर्जा दिया गया है. इनमें खुले में शौचमुक्त का स्थायित्व, सार्वजनिक शौचालय की उपलब्धता, 80 प्रतिशत घरों और सभी स्कूलों, आंगनबाड़ियों एवं पंचायत भवनों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की समुचित व्यवस्था, कूड़ा-करकट एवं पानी का सार्वजनिक स्थलों पर जमाव न होना, स्वच्छता का व्यापक प्रचार-प्रसार जैसे मापदंड शामिल हैं.

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