रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवा प्रश्न काल में शिक्षा का मामला जमकर गूंजा. विपक्ष ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया "सरकार दावा करती है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बंद स्कूलों को खोला गया है. इसके लिए सरकार ने बड़े-बड़े हार्डिंग भी लगवाए हैं. लेकिन उन स्कूलों की स्थिति आज काफी खराब है, जितने स्कूल है उतने शिक्षक वहां नहीं है.
शिक्षक भर्ती का उठा मुद्दा:भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल उठाया कि "सरकार इसके लिए स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की व्यवस्था की बात जरूर कह रही है. लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता भी एक बड़ा सवाल है. आज प्रदेश में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. छत्तीसगढ़ शिक्षा के मामले में देश में 24वें, 28वें नंबर पर पहुंच गया है. यह प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था है."
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा पर सवाल:प्रश्नकाल के दौरान धरमलाल कौशिक ने बंद स्कूलों को खोलने और वहां स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर सवाल उठाया. कौशिक ने स्कूल शिक्षा मंत्री से सवाल किया कि "जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2023 तक कितने नक्सल प्रभावित इलाके में स्कूल खोले गए हैं." जिसके जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि "नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 275 बंद स्कूलों को खोला गया है."
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शिक्षकों की भर्ती को लेकर मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि "उन स्कूलों में 185 शिक्षकों को पदस्थ किया गया है. स्थानीय स्तर पर भी पढ़े-लिखे युवाओं को वहां शिक्षक के तौर पर पदस्थ किया गया है." जिस पर कौशिक ने फिर सवाल पूछा कि "युवाओं को वेतन किस मद से दिया जा रहा है." इसके जवाब में मंत्री प्रेमसाय सिंह ने बताया कि "डीएमएफ मदद से उन्हें मानदेय का भुगतान किया जा रहा है."