Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट का समीकरण समझिए - सत्यनारायण शर्मा विधायक
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव है. ईटीवी भारत छत्तीसगढ़ विधानसभा की हर सीट की जानकारी दे रहा है. हम इस सीरीज में विधानसभा सीट की अहमियत, वीआईपी प्रत्याशी, क्षेत्रीय मुद्दों की जानकारी दे रहे हैं. आइए नजर डालते हैं रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट पर. यहां ओबीसी मतदाताओं की संख्या अधिक है.
रायपुर ग्रामीण विधानसभा
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Published : Jun 25, 2023, 9:01 PM IST
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Updated : Nov 12, 2023, 3:54 PM IST
रायपुर:रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट एक सामान्य सीट है. इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा विधायक हैं. पिछले बार भी सत्यनारायण शर्मा को ही क्षेत्र की जनता ने चुना था. जानकारों की मानें तो इस बार सत्यनारायण चुनाव में खुद न खड़े होकर अपने बेटे पंकज शर्मा को चुनाव में उतारना चाहते हैं. यदि ऐसा हुआ तो इसका चुनाव परिणाम पर भी असर देखने को मिल सकता है. रायपुर ग्रामीण विधानसभा में ओबीसी वोटरों की संख्या अधिक है. यही कारण है कि भाजपा पिछले तीन बार से साहू समाज के उम्मीदवार को मैदान में उतारती रही है. बावजूद इसके यहां से सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार जीत रहे हैं. इस सीट पर जातिगत समीकरण का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है. इस सीट से बीजेपी ने मोतीलाल साहू को टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस से इस सीट पर पंकज शर्मा प्रत्याशी हैं.
रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट की अहमियत:साल 2008 में सीमांकन के बाद रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट पर चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी. भाजपा से नंदे साहू विधायक चुने गए थे. उन्होंने सत्यनारायण शर्मा को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था. उसके बाद इस सीट पर साल 2013 और साल 2018 में सत्यनारायण शर्मा ने जीत हासिल की. सत्यनारायण शर्मा पहली बार 1990 में विधायक बने थे. उसके बाद 1993, 1998, 2003, 2013 और फिर 2018 में वे सातवीं बार विधायक चुने गए. रायपुर ग्रामीण विधानसभा का फैलाव रायपुर शहर के चारों तरफ है. इस विधानसभा क्षेत्र से रायपुर शहर के उत्तर, दक्षिण और पश्चिम सीट के साथ अभनपुर और धरसींवा विधानसभा का क्षेत्र भी लगा हुआ है. यही कारण है कि ये विधानसभा काफी बड़ा है. इस विधानसभा के अंतर्गत कई औद्योगिक क्षेत्र भी आते हैं, जिसमें बीरगांव, उरला, उरकुरा और गोगांव जैसे दर्जनों औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं. इसलिए औद्योगिक परिपेक्ष में भी ये विधानसभा काफी महत्वपूर्ण है.
2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस साल 173154 वोट पड़े थे. इस सीट पर सत्यनारायण शर्मा को 78468 वोट मिले थे, जो कुल मतदान का 45 फीसद था. वहीं भाजपा के उम्मीदवार नंदे साहू को 68015 वोट मिले थे, जो कि कुल मतदान का 39 फीसद था.
रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या:रायपुर ग्रामीण विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 349316 है. पुरुष मतदाताओं की संख्या 180678 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 168576 है. वहीं, थर्ड जेंडर के 62 मतदाता हैं. यहां महिलाओं की अपेक्षा पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक है.
रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट की समस्याएं
रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट के मुद्दे और समस्याएं: रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट पर प्रदूषण की समस्या मूल समस्या है. खासकर औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ता प्रदूषण यहां चिंता का विषय है. इस बढ़ते प्रदूषण के कारण स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. जिसे लेकर अब तक विधानसभा क्षेत्र में कोई बड़ा काम नहीं किया गया है. यही वजह है कि बढ़ता प्रदूषण लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. क्षेत्र में भारी वाहनों की आवाजाही भी लोगों के लिए मुसीबत खड़ी करती है. इस विधानसभा के अंतर्गत कई क्षेत्रों में पीने के पानी की समस्या है. कुछ जगहों पर लोग बोरिंग का पानी पीने को मजबूर हैं. यानी कि यहां पेयजल की समस्या भी बड़ा मुद्दा है. इसके अलावा सड़क की स्थिति भी कुछ खास ठीक नहीं है. सबसे ज्यादा सड़कों की स्थिति, औद्योगिक क्षेत्र उरकुरा, उरला और बिरगांव में खराब है. यहां बिजली की समस्या भी बड़ा चुनावी मुद्दा है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से कई जगहों पर आज भी खंभों पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है. बिजली की कमी से स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ता है.
रायपुर ग्रामीण विधानसभा 2018 चुनाव परिणाम
कौन तय करता है जीत और हार:कहने को तो रायपुर ग्रामीण विधानसभा ओबीसी बाहुल्य क्षेत्र है. शायद यही वजह थी कि भाजपा पिछले 3 बार से ओबीसी के उम्मीदवार को मैदान में उतार रही है. लेकिन यहां यह फैक्टर काम करता नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि साल 2008 को छोड़ दिया जाए तो उसके बाद दोनों बार सत्यनारायण शर्मा ने जीत हासिल की है. वह सामान्य श्रेणी से आते हैं. यही वजह है कि यहां पर ओबीसी के ज्यादा मतदाता होने के बावजूद सामान्य श्रेणी से आने वाले सत्यनारायण शर्मा जीत हासिल कर रहे हैं. यानी कि इस सीट पर जातिगत समीकरण का कोई खास असर देखने को नहीं मिलता है.