छत्तीसगढ़

chhattisgarh

Chhattisgarh 1 rupee doctor: रायपुर की अनोखी क्लीनिक, जहां मरीजों को एक रुपए में मिलता है इलाज

By

Published : Feb 8, 2023, 1:05 PM IST

government hospital बढ़ती महंगाई में बहुत से परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाना मुहाल है. परिवार में कोई बीमार पड़ जाए तो घर की स्थिति महीनों डावांडोल रहती है. सरकारी अस्पताल में लंबी वेटिंग से बचने लोग निजी अस्पताल का रुख कर लेते हैं और फिर मोटे खर्चे उन्हें कर्जदार बना देते हैं. ऐसे लोगों के लिए रायपुर की अनोखी क्लीनिक बड़ी राहत है, जहां केवल 1 रुपए में मरीजों का इलाज हो रहा है.

Chhattisgarh 1 rupee doctor
डॉ विनय वर्मा से खास बातचीत

रायपुर की अनोखी क्लीनिक

रायपुर:बढ़ती महंगाई के साथ आज के समय में इलाज कराना भी महंगा हो गया है. राशन से लेकर दवा तक के दाम बढ़ गए हैं. इलाज में लगने वाले खर्च भी बढ़ते जा रहे हैं. मगर हम आपको राजधानी के ऐसे डॉक्टर से मिलवाने जा रहे हैं जो लोगों का इलाज सेवा और समर्पण भाव से कर रहे हैं. क्लीनिक आने वाले मरीजों के एक रुपए में उपचार कर रहे हैं. इससे मिलने वाली राशि को भी समाज सेवा में ही खर्च करते हैं. डॉक्टर विनय वर्मा प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अंबेडकर अस्पताल में सीएमओ के पद पर कार्यरत हैं. इसके साथ ही वे 1 रुपए वाला क्लीनिक भी चलाते हैं. ईटीवी भारत ने डॉ विनय वर्मा से खास बातचीत की. पढ़ें प्रमुख अंश.

सवाल- 1 रुपए लेकर आप लोगों का इलाज कर रहे हैं इसकी शुरुआत कब से की?
जवाब- शुरुआत करोना कॉल से हुई. संक्रमण काल में जब लोगों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल रहा था, लोगों को महंगी फीस देनी पड़ती थी, उस दौरान मैंने निशुल्क मरीजों का इलाज करने की ठानी. 1 रुपए क्लीनिक की शुरुआत किए आज 4 साल हो रहे हैं. घर पर सुबह 8 से 10 तक में मरीजों को देखता हूं और 11 से 1 बजे तक केके रोड स्थित क्लीनिक में सेवा करता हूं. निशुल्क इसलिए भी नहीं रखा क्योंकि छत्तीसगढ़ में यह परंपरा है कि कुछ लेकर जाएंगे तो कुछ देकर जाएंगे.

सवाल- अंबेडकर अस्पताल में इमरजेंसी विभाग की बड़ी जिम्मेदारी आप पर है, समय कैसे मैनेज करते हैं?
जवाब- अंबेडकर अस्पताल से मैं आपातकालीन विभाग से जुड़ा हुआ हूं, वहां कभी भी इमरजेंसी के मरीज आ सकते हैं. सुबह 11 से दोपहर 1 बजे और शाम को छह से आठ बजे वहां ड्यूटी पर रहता हूं. बाकी समय घर पर मरीजों को देखता रहता हूं.

Madhukar Rao leader of Salwa Judum: सलवा जुडूम अभियान के अगुवा मधुकर राव नहीं रहे, आज बीजापुर के कुटरू में होगा अंतिम संस्कार



सवाल- कोरोना काल में अपने लोगों की कैसे मदद की?
जवाब- कोरोना संक्रमण काल में लोगों को लगता था कि हॉस्पिटल में बेड मिल जाए तो हम बच जाएंगे. उस समय उनकी काउंसलिंग करना ही बहुत बड़ा ट्रीटमेंट था. डर के कारण ही कोरोना काल में लोगों ने जान गंवाई है. उस दौरान में मरीजों की प्रॉपर मॉनिटरिंग करता था. डेढ़ सौ मरीज होम आइसोलेशन के मेरे अंडर में हुआ करते थे. उनकी मॉनिटरिंग कर दवा उपलब्ध कराते हुए उनका इलाज किया जाता था.

सवाल- क्या आप मरीजों को दवाई भी उपलब्ध कराते हैं?
जवाब-जो आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति आते हैं जिनके पास दवाई के लिए भी पैसे नहीं होते, उन्हें दवाई प्रोवाइड कराई जाती है. अस्पताल में मरीजों का जनरल चेकअप किया जाता है अगर कोई क्रिटिकल बीमारी के मरीज आते हैं तो उन्हें अंबेडकर अस्पताल बुलाकर इलाज करते हैं. लोगों के अंदर सरकारी अस्पताल को लेकर यह भावना रहती है कि वहां इलाज होगा या नहीं. तो मेरे मॉनिटरिंग में उन मरीजों का इलाज सही तरह से हो जाता है.


सवाल-रोजाना कितने मरीजों को अब देखते हैं?
जवाब- रोजाना सुबह और शाम मिलाकर 25 लोगों को देखना होता है, बाकी घर में 10 से 11 मरीजों को मैं देखता हूं.

Archdiocese of Raipur golden jubilee: रायपुर कैथोलिक आर्च डायसिस का 50 साल पूरा, सैंट टैरेसा चर्च में बड़ा जलसा



सवाल- यह अस्पताल शुरू करने की प्रेरणा आपको कैसे मिली?
जवाब- मेरे प्रेरणा स्त्रोत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं. उनकी योजना हाट बाजार क्लीनिक और एमएमयू चल रहा है. जब वे लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं तो एक डॉक्टर होने के नाते मैंने एक रुपए क्लीनिक की शुरुआत की.

सवाल- लोगों की धारणा है कि प्राइवेट हाॅस्पिटल में डॉक्टर जनता को लूटते हैं, इसे लेकर आपको क्या कहना है?
जवाब- डॉक्टर मरीजों को नहीं लूटते हैं. जो लोग स्वास्थ्य के नाम पर बिजनेस कर रहे हैं, वे लोग मरीजों को लूटते हैं. डॉक्टर के अंदर हमेशा सेवा भाव रहा है और यह सेवा का विभाग ही है. किसी मरीज के चेहरे में हंसी देखता हूं तो मुझे भी खुशी मिलती है.


सवाल- नई पीढ़ी जो मेडिकल फील्ड में आना चाहती है उसे क्या संदेश देंगे?
जवाब- डॉक्टरों के अंदर जो सेवा भाव है वह हमेशा होना चाहिए. डॉक्टर को भगवान का स्वरूप माना जाता है, उस प्रथा को आप को आगे बढ़ाना है. कहीं मरीज दिख जाता है तो उसका उपचार करना है. युवाओं के लिए यही संदेश है कि जितना हो सके आप इस फील्ड में नाम कमाएं और लोगों की मदद करें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details