रायपुर/जयपुर. राज्य की थर्मल इकाइयों को कोयला आपूर्ति को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयास (CM Gehlot Chhattisgarh visit successful) रंग लाए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण के तहत 1136 हेक्टेयर क्षेत्र में कोयला उत्खनन (chattisgarh government allows Excavation) के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति दे दी है. अब प्रदेश की थर्मल इकाइयों को कोयले की सुचारू आपूर्ति हो सकेगी. मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी.
उन्होंने राजस्थान को कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक में माइनिंग करने की स्वीकृति शीघ्र जारी करने का आग्रह किया था. मुख्यमंत्री की बघेल के साथ बैठक के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने तत्काल प्रभाव से निर्णय लेते हुए पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण में कोयला उत्खनन के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान कर दी है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़ को समुचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है.