रायपुर: प्रदेश सरकार लगातार पशुधन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. ताकि पशुधन के माध्यम से लोगों की आय बढ़ाई जा सके और पशुपालकों में पशुधन को लेकर जागरुकता आए. इसके लिए सरकार ने प्रदेश में गौठान का निर्माण कराया और रोका छेका अभियान की शुरुआत भी की है. ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा मवेशियों का पालन कर सके. ETV भारत ने इस मुद्दे पर पशु चिकित्सक से भी बात की जिसमें उन्होंने पशुओं की देख रेख के बारे में जानकारी दी है.
टीकाकरण और देख-रेख को लेकर पशु चिकित्सक ने बताया कि फिलहाल बारिश का मौसम शुरू हो रहा है. जानवरों में कई बीमारियां होने की संभावना रहती है. जिसको देखते हुए पशु चिकित्सक जानवरों को टीका लगाते हैं. साल में पशु चिकित्सक जानवरों को तीन से चार बार टीकाकरण करते हैं. जिसके बाद अगर कोई जानवर बीमार पड़ा उसके लिए अलग से दवाइयां दी जाती हैं.
पशुपालक भी हुए सतर्क
पशुपालक ने बताया कि गाय को साल में तीन से चार बार टीका लगाया जाता है. वहीं समय-समय पर अगर कोई पशु बीमार हो गया तो, उसे डॉक्टर की सलाह से दवाइयां भी दी जाती हैं. पशुओं को खाने में धान का भूसा और बाजार में गाय के लिए जो आहार मिलता है वो साथ में दिया जाता है. साथ ही समय-समय पर हरी घास दी जाती है. कोरोना काल में पशुओं का दूध निकालते समय दूध वालों को काफी ध्यान रखना पड़ता है. दूध निकालने से पहले गाय के थन और अपने हाथ को अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जाता है. साथ ही जिस बर्तन में दूध निकाला जा रहा है उसको भी अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जाता है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने पशु पालकों को भी प्रभावित किया है. पशु पालक अब पहले ज्यादा सतर्क हो गए हैं. साफ सफाई का ध्यान रख रहे हैं.
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