रायपुर: प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले काफी देखने को मिल रहे हैं. जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती जा रही है वैसे ही अलग-अलग तरीकों से साइबर ठग, भोले भाले लोगों के आदतों की स्टडी कर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं. अभी ऑनलाइन गेम खेल रहे बच्चों के साथ ठगी के कई मामले सामने चुके हैं. पेरेंट्स अक्सर बच्चों को गेम खेलने के लिए मोबाइल दे देते हैं. वहीं बच्चे गेम खेलते समय गेम को अपग्रेड करने के लिए या गेम में नए-नए ऑफर को देखकर उसे खरीदने की कोशिश करते हैं. इस दौरान मोबाइल में अगर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा होती है तो कई बार उससे पैसे कट जाते हैं. पेरेंट्स को पता भी नहीं चलता और डर के कारण बच्चे भी उन्हें नहीं बता पाते.
आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है. इसका मतलब आप मोबाइल में जो भी वर्क कर रहे हैं मोबाइल अपने आप आपके किए हुए काम को पढ़कर आपको उसी से रिलेटेड चीजें दिखाने लगता है. इसी तरह जो बच्चे ज्यादा गेम खेलते हैं. उनके मोबाइल में अपने आप कूपन रिडीम करने के पॉपअप शो होने लगते हैं और बच्चे गेम में अपना लेवल बढ़ाने के लिए उस कूपन को परचेस कर लेते हैं, लेकिन कूपन पहले से ही खाली होता है. ठग ऐसे पॉपअप जनरेट करते रहते हैं जिससे बच्चे लालच में आएं और उसको परचेस करें.
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