रायपुर:राजधानी में PSC में सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा को लेकर बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पीसी में बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर PSC की आड़ में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. रायपुर में बीजेपी के प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, ओपी चौधरी और भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने मीडिया से बात की. बीजेपी नेताओं ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के लिए मजबूती से लड़ने वे हमेशा आगे रहेंगे.
PSC में अनियमितता को लेकर बीजेपी की PC ओपी चौधरी ने कहा कि पीएससी में शामिल एक युवक ने बताया कि उसके पीछे बैठने वाला युवक परीक्षा में अनुपस्थित था. लेकिन सूची में उस अनुपस्थित युवक का चयन किया गया है. जो बेहद दुखद है. ऐसे में सालों से परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है.
PSC परीक्षा का वीडियो सार्वजनिक करने की मांग
बीजेपी नेता ने कहा कि पीएससी की परीक्षा का वीडियो सार्वजनिक करना चाहिए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 में बड़ी अनियमितता सामने आ रही है. राज्य लोक सेवा आयोग में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार की आशंकाओं को इस बात से और बल मिलता है, जब छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग इस विषय पर खुद को क्लीन चिट दे रहा हो. सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 में अनुपस्थित अभ्यर्थी का नाम आना, परीक्षा केंद्र में वीडियोग्राफी ना कराया जाना राज्य लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली और विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है.
पढ़ें: छत्तीसगढ़ में धान-किसान और पक्ष-विपक्ष में अब भी घमासान!
भाजयुमो ने की न्यायिक जांच की मांग
भारतीय जनता युवा मोर्चा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 में अनियमितता और भ्रष्टाचार की व्यापक न्यायिक जांच की मांग की है. इसके साथ ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के युवाओं के हित में छत्तीसगढ़ पीएससी संबंधित तमाम विसंगतियों को दूर करने की भी मांग की. भारतीय जनता युवा मोर्चा ने भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा. गुरुवार को प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों में पीएससी का पुतला भी जलाया जाएगा.
- असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में अलग-अलग विषयों से कुल 105 प्रश्नों को विलोपित करने की बात सामने आई है. कई अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि दर्जनभर प्रमाणिक स्रोतों के रिफरेंस को भी नजरअंदाज कर दिया गया.
- सहायक संचालक कृषि की परीक्षा में 150 में से 14 प्रश्नों को विलोपित किए जाने की जरूरत क्यों पड़ी ?
- किसी भी परीक्षा के प्रश्न पत्र में न्यूनतम मानवीय भूल हो सकती है. लेकिन असिस्टेंट ऑफिसर की भर्ती परीक्षा में पूछा गया कि तातापानी कहां है.मॉडल उत्तर में सूरजपुर लिखा गया था जबकि छत्तीसगढ़ में सभी को पता है कि तातापानी बलरामपुर जिले में है. इस तरह की बड़ी गलतियां आखिर किसके संरक्षण में की जा रही हैं ? ऐसी गलती करने वाले तथाकथित विशेषज्ञ का नाम सार्वजनिक किया जाना चाहिए और ऐसे विशेषज्ञों को आजीवन ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए.
- यूपीएससी हर साल विभिन्न परीक्षाओं का कैलेंडर पहले ही जारी कर देती है. इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के लोक सेवा आयोगों ने भी अपने-अपने कैलेंडर जारी कर दिए है, लेकिन छत्तीसगढ़ पीएससी ने कोई कैलेंडर जारी नहीं किया.
- वन विभाग से संबंधित एसीएफ और रेंजर के लगभग 178 पदों के विज्ञापन में परीक्षाओं का अता-पता नहीं है. कैलेंडर नहीं होने के कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हो रही है.
- कई मामलों में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की तरफ से आरटीआई के अंतर्गत सूचना प्रदान न करने की स्थिति निर्मित होती रही है. कई सूचनाओं के लिए अभ्यर्थियों को राज्य सूचना आयोग तक जाना पड़ता है. इससे संदेह की परिस्थितियां बन रही हैं.