रायपुर: रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद और भाजपा के कद्दावर नेता सुनील सोनी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की है. सुनील सोनी, रायपुर नगर निगम के ऐसे महापौर के रूप में भी जाने जाते हैं. जिनके कार्यकाल में शहर में काफी विकास कार्य हुए हैं. ईटीवी भारत ने राज्य में चल रहे सियासी हलचल को लेकर सुनील सोनी से खास बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
सुनील सोनी की सोनिया गांधी को चुनौती सवाल : कोरोना की रोकथाम के लिए बघेल सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास क्या काफी है?
जवाब : राज्य सरकार ने जनता को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आप अपनी सावधानी से ही कोरोना से बच सकते हैं. क्योंकि हम कुछ नहीं करेंगे. ये मेरा आरोप नहीं है क्योंकि पहली और दूसरी लहर में सरकार की भूमिका को हमने देखा है. केंद्र ने कोरोना से लड़ने के लिए जितना पैसा उपलब्ध करवाया. उससे राज्य सरकार चाहती तो पूरे प्रदेश में स्थाई हेल्थ स्ट्रक्चर बनाया जा सकता था. लेकिन ऐसा यह सरकार करना ही नहीं चाहती अगर ऐसा हो गया तो इनके कमाई का जरिया खत्म हो जाएगा. जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं बल्कि इलाज होना चाहिए.
सवाल : किस तरह के रास्ते की बात कह रहे हैं.. थोड़ा स्पष्ट करेंगे? क्योंकि सरकार तो केंद्र से अपेक्षित सहयोग न मिलने का आरोप लगाती रही है.
जवाब : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में ऑक्सीजन प्लांट लगवा दिया. अब इस सरकार के पास उसके मेंटेनेंस के लिए अगर पैसा नहीं है तो उन्हें शर्म आनी चाहिए. अगर फिर से मरीज बढ़े तो ये इस इन्तजार में हैं कि मुफ्त में पैसा मिले. तो तंबू तानकर ये उनका फिर से इलाज करवाएं. क्या सरकार इतनी कंगाल हो गई है? खासकर हेल्थ सेक्टर में अजीबोगरीब स्थिति बनी हुई है. दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं मेरी चलती नहीं और बघेल जी कहते हैं कि मैं देखूंगा नहीं.
सवाल : आम लोगों के बीच इस बात की चर्चा रहती है कि स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ आप जितने मुखर होते हैं आपकी पार्टी के दूसरे नेता उन्हें कुछ हद तक बख्श देते हैं.
जवाब : मंत्री जी से मेरा व्यक्तिगत संबंध बहुत अच्छा है, लेकिन मैं सम्बन्धों को पारिवारिक जीवन में रखता हूं. अगर सरकार के जिम्मेदार पद पर बैठकर कोई गलती कर रहा हो तो उसकी आलोचना करना मेरा दायित्व है. मैं इस विषय में समझौता नहीं करता.
सवाल : रोजगार और विकासकार्यो को लेकर राज्य सरकार के दावों पर क्या कहेंगे?
जवाब : इस सरकार ने रोजगार के जो तरीके जनता के सामने रखे हैं. वे हास्यास्पद हैं .. नरवा, गरवा, घुरवा, बारी हो या गोबर खरीदी, इसमें केंद्र के मनरेगा के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है. ये जरूरतमंद लोगों को प्रधानमंत्री आवास नहीं दे रहे हैं. ऊपर से बघेल कहते हैं कि प्रधानमंत्री का नाम जुड़ा है तो केंद्र को 90 प्रतिशत राशि अदा करनी चाहिए. मगर राजीव गांधी का नाम जिन योजनाओं में है उस पर ये कुछ नहीं कहते. रोजगार के दिये गए आंकड़ो पर संदेह है. इसको लेकर ये श्वेत पत्र जारी करें तो आईने में इनका विकृत चेहरा दिख जाएगा.
सवाल : क्या आपको प्रदेश में विकास दिखाई देता है ?
जवाब : कहां दिख रहा है विकास. पूरे प्रदेश में भूपेश बघेल ऐसा एक काम बता दें जिस महज 10 करोड़ के काम को उनकी सरकार ने स्वीकृत की हो. उसका भूमिपूजन किया हो इन तीन वर्षों में उसका लोकार्पण किया हो. सरकार केवल शराब पर विकास कर रही है. आज ट्रको में गांजा आ रहा है. हर रोज पुलिस पकड़ रही है, जबकि मुख्यमंत्री ने कहा था कि गांजे की एक पत्ती नहीं आने देंगे. ऑनलाइन शराब बिकवाकर क्या रोजगार दिया जा रहा है? नवंबर में धान खरीदी की शुरुआत न करने की वजह से किसानों का धान खराब हो गया. उसकी चिंता इस सरकार को नहीं है. उन्हें मुआवजा कौन देगा. सरकार 2500 रुपये में धान तो तब खरीदेगी जब किसानों के पास धन होगा. प्रधानमंत्री आवास को लेकर मैंने लोकसभा में सवाल उठाया. मगर राज्य सरकार का कोई जवाब नहीं आया. इन तीन सालों में इन्होंने छत्तीसगढ़ को बर्बाद कर दिया.
सवाल : सरकार की ओर से हर सवाल का जवाब दिए जाने की बात की जाती है. वे तो आरोप लगाते हैं कि केंद्र प्रदेश के साथ भेदभाव करती है?
जवाब : उन्हें खुद सोचना चाहिए कि वे जो उत्तर देते हैं. उसमें कितनी सच्चाई है. क्या कहीं शराब बंदी के लिए कमेटी बनाई जाती है. नहीं करने का कारण बताकर शराब बंदी न करें. लेकिन अवैध शराब बेचकर इसे आय का जरिया बना रहे हैं तो, ये ठीक है क्या?
सवाल : उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस का छत्तीसगढ़ मॉडल चलेगा क्या? जैसा दावा किया जा रहा है...
जवाब : छत्तीसगढ़ मॉडल अपराधियों का गढ़ है. ये मॉडल उत्तर प्रदेश में नहीं चलेगा. उत्तर प्रदेश में योगी मॉडल चलेगा . जहां पर आतंकी खुद को जेल में सुरक्षित समझते हैं और यहां गांजे की तस्करी ट्रकों में हो रही है, वहां की जनता तुलना करके खुद समझ जाएगी.
सवाल : प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक का मामला अभी देश में बड़ा मुद्दा बना हुआ है. लेकिन मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस के नेता इसे चूक मानने को तैयार नहीं. बल्कि उनका तो यह भी कहना है कि बीजेपी इसे जबरन मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है.
जवाब : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल क्या बोलते हैं, उसे बोलने में हम लोगों को शर्म आती है. प्रधानमंत्री ने विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है. देश के प्रधानमंत्री हैं. उनकी सुरक्षा में चूक होना दुख की बात और निंदनीय है. उस काफिले में राज्य के किसी बड़े अधिकारी का न होना अपने आप में सवाल खड़े करता है कि कितना बड़ा षड्यंत्र था. वो तो भगवान की कृपा है कि प्रधानमंत्री आज सुरक्षित हैं. ये देश की बात है, जिस पार्टी ने अपने ही अंदर के अपने दो प्रधानमंत्रियों को खोया हो उस पार्टी के मुख्यमंत्री इस चूक को न माने और चूक कहने वालों की आलोचना करें तो इससे बड़ी शर्म की कोई दूसरी बात हो ही नहीं सकती. छत्तीसगढ़ के नाम को इन्होंने देश के अंदर कलंकित किया है. दूसरी तरफ सोनिया गांधी कहती हैं कि सबके प्रधानमंत्री हैं. इधर भूपेश बघेल राजनीति कर रहे हैं. सोनिया गांधी में अगर हिम्मत है और अगर पार्टी से उन्हें थोड़ा भी लगाव है. तो अभी तक मुख्यमंत्री को बदल देना था. एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं था इन्हें.