रायपुर: बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं. टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं. गीत नया गाता हूं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की यह मशहूर कविता आज भी लोगों की जुबान पर रहती है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी न होते तो शायद छत्तीसगढ़ न होता. आज उनकी 95वीं जयंती है. इस अवसर पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती अटल जी देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक थे. उनकी विलक्षण वाकपटुता के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है. अटलजी ने किसी उग्र आंदोलन या प्रदर्शन के बिना ही शांतिपूर्ण ढंग से छत्तीसगढ़ को राज्य का दर्जा दिलवाया. उनकी सोच थी कि, छत्तीसगढ़ को देश में अलग पहचान मिले और राज्य विकास के नित नए आयाम रचे.
देश को दी कई बड़ी योजनाएं
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्री काल में देश के लाखों गांवों, करोड़ों गरीबों और मेहनतकश किसानों की बेहतरी के लिए कई योजनाओं की शुरूआत की, जिनमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज योजना भी शामिल है.
2004 में आए थे छत्तीसगढ़
वाजपेयी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने वर्ष 1977-79 के दौरान विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में हिन्दी में भाषण देकर हमारी राजभाषा और राष्ट्रभाषा का गौरव बढ़ाया. साल 2004 में राजधानी रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में वे मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ आए थे.
भारत रत्न' अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2000 में छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड का निर्माण कर स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय की रचना की थी.