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Bastaria Tribal Tattoo: छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में बस्तरिया टैटू की धूम, ट्राइबल संस्कृति के मुरीद हुए लोग - बस्तर की गोदना संस्कृति

Bastaria tattoo craze in Chhattisgarh Rajyotsav छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2022 में बस्तरिया टैटू ने लोगों का मन मोह लिया. रायपुर में आयोजित राज्योत्सव समारोह में युवाओं ने बस्तरिया ट्राइबल टैटू का स्टॉल लगाया था. यहां लोगों ने यह टैटू बनवाया और इसके मुरीद हो गए. इस तरह नए जनरेशन तक ट्राइबल संस्कृति पहुंचने से छत्तीसगढ़ियावाद को काफी बढ़ावा मिल रहा है.

Bastaria tattoo craze in Chhattisgarh Rajyotsav
बस्तरिया टैटू की धूम

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Published : Nov 4, 2022, 6:00 PM IST

Updated : Nov 4, 2022, 11:56 PM IST

जगदलपुर:Bastaria tattoo craze in Chhattisgarh Rajyotsav छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2022 का खास आयोजन रायपुर के सांइस कॉलेज मैदान में किया गया था. यहां राज्योत्सव के आयोजन में कई विभागों के स्टॉल लगाए गए थे. इन स्टॉलों में बस्तरिया ट्राइबल टैटू का भी स्टॉल लगाया गया था. जिसको लोगों का अच्छा रिसपॉन्स मिला. लोगों ने इस स्टॉल पर टैटू गुदवाए.

छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में बस्तरिया टैटू की धूम

बस्तर का टैटू बना आकर्षण का केंद्र: रायपुर में आयोजित राज्योत्सव में बस्तर के गोदना कलाकार अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. बस्तर आर्ट गैलरी में लगे ट्राइबल टैटू को लोग काफी पसंद कर रहे हैं और बस्तर के प्रसिद्ध प्राचीन गोदना कलाकृतियों को टैटू के रूप में गुदवा रहे हैं. इस तरह इस राज्योत्सव में इस बार बस्तरिया संस्कृति को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता दिखी. लोग इस तरह के टैटू को गुदवाने को लेकर काफी रोमांचित थे.Bastaria Tribal Tattoo stall at raipur

बस्तरिया टैटू बनाने वाले कलाकारों में खुशी: बस्तर के रहने वाले धनुर्जय बघेल का कहना है कि "12वीं तक पढ़ाई के बाद वे रोजगार की तलाश कर रहे थे. गोदना में उन्हें पहले से ही रूचि थी. जिसकी वजह से उन्होंने जिला प्रशासन की मदद से बादल एकेडमी में 20 दिनों तक गोदना आर्ट की ट्रेनिंग ली. उनके साथ 20 और युवाओं ने ट्राइबल टैटू का प्रशिक्षण लिया है. धनुर्जय का कहना है कि उनके साथ चार युवाओं ने राज्योत्सव में स्टॉल लगाकर लोगों तक बस्तर की गोदना संस्कृति को पहुंचाने का काम किया. वहीं टैटू आर्टिस्ट के रूप में खुद की पहचान भी बनाई. इस तरह वे आर्थिक सश्क्तिकरण की तरफ बढ़ रहे हैं".tattoo art of bastar

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बस्तर की गोदना संस्कृति हो रही प्रचलित: ट्राइबल टैटू बनाने वाले युवा गोदना संस्कृति को युवाओं में प्रचलित तो कर ही रहे हैं साथ ही टैटू बनाने के बाद टैटू की देखभाल के तरीके भी बता रहे हैं. जिससे उन्हें किसी भी तरह के संक्रमण की परेशानी न हो.(Jagdalpur Godna Kala )



बस्तर की गोदना कला और मान्यताएं: बस्तर के पुराने लोगों में गोदाना काफी प्रचलित है. उनका मानना है कि "गोदना ही एक ऐसी चीज है जो मरने के बाद इंसान के साथ जाती है. यानी कि गोदना पृथ्वी लोक से स्वर्ग तक साथ जाने वाला एक अमूल्य आभूषण है. बस्तर में गोदना को आभूषण की तरह माना जाता है. यहां गोदना का काम ओझा जाति के लोग करते हैं. इन्हें नाग भी कहते हैं. बस्तर की महिलाओं को गोदना कला अति प्रिय है. पुरुष भी थोड़ी मात्रा में गोदना करवाते हैं. बस्तर के मैदानी इलाके में बुंदकिया गोदना अधिक लोकप्रिय है. इस तरह आदिवासी संस्कृति के प्रति बढ़ रहा लगाव लोगों को काफी रास आ रहा है"Chhattisgarh Rajyotsav Bastaria Tribal Tattoo

Last Updated : Nov 4, 2022, 11:56 PM IST

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