रायपुर: कोरोना काल के बाद से फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कलाकारों का हाल बेहाल है. उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. संस्कृति विभाग (Culture Department) ने भी इस विकट परिस्थिति पर उन्हें अकेला छोड़ दिया है. कलाकारों की किसी भी तरह की मदद नहीं की गई. हालात यह बन गए हैं कि फ़िल्म इंडस्ट्री (film industry) से जुड़े सैकड़ों कलाकार दाने दाने को मोहताज हैं. इन्ही कलाकारों में से एक हैं हेमंत निषाद (Hemant Nishad). हेमंत निषाद ने न्यूटन और चमन बहार जैसी चर्चित हिंदी फिल्म के साथ डेढ़ दर्जन से अधिक छत्तीसगढ़ी फिल्मों (Story of Struggle of film artist) में काम कर चुके हैं. लेकिन आज वे मुफलिसी भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं. घर-परिवार का पेट पालने के लिए कलाकार हेमंत प्राइवेट ड्राइवर का काम कर रहे हैं. जिससे दो जून की रोटी का बंदोबस्त हो पाता है.
सावधान इंडिया में भी कर चुके हैं काम
हेमंत निषाद (Hemant Nishad) ने ईटीवी भारत को बताया कि वे शुरू से इप्टा से जुड़े हुए हैं. नाटक के बाद धीरे-धीरे उन्हें छत्तीसगढ़ी फिल्मों में काम करने का मौका मिला. उनकी एक्टिंग की वजह से न्यूटन और चमन बहार जैसी चर्चित हिंदी फिल्म में काम करने ऑफर आया था. यही नहीं बल्कि 'सावधान इंडिया' (Savdhaan India) जैसे एपिसोड में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. वे कहते हैं कि कोरोना काल की वजह से दो साल से काम बंद है. चार पहिया चलाने आता है. इसलिए अवेजी में कार चलाने का काम करता हूं, ताकि परिवार का पेट पाल सकूं.
पूरे परिवार की जिम्मेदारी
कलाकार हेमंत निषाद (Artist Hemant Nishad) के घर मे 8 लोग रहते हैं. घर का हाल भी बेहाल है. उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बच्चे, मां, दादी, भतीजी और एक बहू है. उनके भाई की मौत होने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर है. उन्होंने बताया कि कम खर्च में जेब काटकर कर रहे हैं, जो भी थोड़ा बहुत कमाते हैं, उसी से गुजारा कर रहे हैं. आस है जितना जल्दी हो सके कहीं से मूवी का ऑफर आए. यदि बढ़िया मूवी मिली और आफर अच्छा रहा तो उसमें काम करने के बाद जो पैसे आएंगे, उससे खुद का कुछ बिजनेस शुरू करूंगा. क्योंकि कोरोना ने बहुत कुछ सीखा दिया है.