छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

SPECIAL: बस्तर के वो इलाके जहां पिछले 5 सालों में पहली बार लहराया तिरंगा

वक्त के साथ बस्तर बदल रहा है. इस बात की तस्दीक इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र से समय-समय पर सामने आने वाली तस्वीरें करती हैं. कुछ ऐसी तस्वीरों से आप भी वाकिफ हो जाइए. पिछले 5 साल में बदले बस्तर को देखिए...

By

Published : Jan 25, 2021, 11:50 AM IST

Updated : Jan 25, 2021, 3:47 PM IST

area-where-the-flag-was-hoisted-for-the-first-time-in-recent-years-in-bastar
बस्तर में पहली बार फहराया गया था तिरंगा

बस्तर, जो कभी झांकता है बंदूक की बटों से. बस्तर, जो कभी झांकता है आदिवासी लटों से. बस्तर जिसकी गलियों की काली तकदीर थी, वो एक नई तस्वीर गढ़ रहा है. बस्तर अब जमाने के संग आगे बढ़ रहा है. देश गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. इस मौके पर हम आपको छत्तीसगढ़ के उस इलाके में लेकर चल रहे हैं, जहां नक्सलियों के काले झंडे की जगह उम्मीदों का तिरंगा लहरा रहा है. नक्सलियों के दिए दर्द झेलते बस्तर ने वक्त-वक्त पर ये बताया है कि जीत उन्हें बदलाव चाहिए. वक्त-वक्त पर ऐसी तस्वीरें हमारे सामने आई हैं, जिन्हें देखकर दिल भाव से भर जाता है और सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है.

बस्तर के वो इलाके जहां पहली बार लहराया तिरंगा

देश का झंडा शान से लहराया

बस्तर संभाग के उन सैकड़ों गांवों में जहां पहले नक्सलियों की तूती बोलती थी, अब बदलाव नजर आ रहा है. एक वक्त था जब नक्सलियों ने चांदामेटा व मुंडागढ़ में तिरंगा न फहराने की चेतावनी दी थी. लेकिन वक्त बदला. बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर के भवन और स्कूल उस पल के गवाह बने जब नक्सलियों को करारा जवाब देते हुए देश का झंडा शान से लहराया.

बस्तर में लहराया तिरंगा

पढ़ें:मिलिए गांधी जी के साथ जेल जाने वाले 101 साल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से

2016 में पहली बार यहां फहराया गया था तिरंगा-

  • सुकमा के गोमपाड़ में अगस्त 2016 में पहली बार तिरंगा फहराया गया था.
  • दंतेवाड़ा के कुआकोंडा और कटेकल्याण ब्लॉक के दर्जनों गांव में नक्सलियों का बोल बाला था. इन क्षेत्रों में नक्सली काला झंडा फहराते थे. लेकिन तस्वीर बदली और अब यहां देश का झंडा लोकतंत्र की तस्वीर बुलंद करता है.

2017: जहां नक्सलियों ने रोका, वहीं फहराया झंडा

  • बस्तर के चंदामेटा और मुंदागढ़ में ग्रामीणों ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था.

2019 में स्वंत्रता दिवस पर जवानों ने फहराया तिरंगा

  • पाहुरनार व छिंदनार की सरहद इंद्रावती नदी के बीच एसपी अभिषेक पल्लव ने तिरंगा फहराया था.
  • सुकमा के ही पालमाडगू में नक्सलियों का बोल बाला था. यह इलाका कभी नक्सलियों का गढ़ रहा है. 70वें गणतंत्र दिवस पर पहली बार भारतीय तिरंगा इस गांव में फहराया गया.
  • नक्सलियों के गढ़ गोगुंडा में आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया था.
  • नक्सल प्रभावित मेटमार्का गांव में भी पहली बार तिरंगा फहराया गया था. ग्रामीणों के साथ CRPF की 206 कोबरा बटालियन ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था.
  • 13 जून 2019 को सुकमा के कोंटा में एक नए CRPF परिसर में 100 फीट ऊंचा झंडा फहराया गया. पूरे बस्तर डिवीजन में सबसे ऊंचा झंडा फहराया गया था.

26 January 2020: ये है आज का बस्तर

ग्रामीणों ने फहराया तिरंगा
  • बस्तर के लगभग 12 गांवों में तिरंगा फहराया गया.
  • पोताली (दंतेवाड़ा), कदेमेटा (नारायणपुर), बोदली (बस्तर), कुन्ना-डब्बा (सुकमा) और दुता (कांकेर) में तिंरगा लहराते दिखा.
  • धुर नक्सलगढ़ गांव पोटाली में 20 साल बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया था.

15 अगस्त 2020 मारजूम में फहराया था तिरंगा

पहली बार फहराया गया तिरंगा
  • मारजूम की पहाड़ियों पर 70 साल तिरंगाफहराया था.
  • जंगलों के अंदर मरजूम, चिकपाल और परचेली गांवों में भी तिरंगाफहराया था.
  • चिंतागुफा से लगभग 8 किलोमीटर अंदर कुशालपाढ़ गांव में पहली बार आजादी का जश्न मनाया गया.

बैग में तिरंगा लेकर निकलते हैं जवान

बीजापुर के बेदरे, फेरसेगढ़, मनकेली, गोरना, मुनगा, पुसनार आदि गांवों में नक्सली काला झंडा फहराकर राष्ट्रीय पर्व का बहिष्कार करते थे. फोर्स ने वहां पहुंचकर ग्रामीणों का मनोबल बढ़ाया. अब यह नक्सलियों का काला झंडा नहीं बल्कि ग्रामीणों तिरंगा फहराने की हिम्मत जुटा पाए. अब स्थिति यह है कि फोर्स के जवान अपने बैग में तिरंगा लेकर निकलते हैं और गांव-गांव में तिरंगा फहराते हुए आगे बढ़ते हैं.

Last Updated : Jan 25, 2021, 3:47 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details