रायपुर: अंतागढ़ टेपकांड मामले में एसआईटी ने जांच तेज कर दी है. मामले में आज एसआईटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और पूर्व विधायक अमित जोगी को नोटिस जारी किया है. नोटिस के बाद पूर्व विधायक अमित जोगी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश सरकार और एसआईटी पर जमकर निशाना साधा है.
एसआईटी की नोटिस में अमित जोगी को 24 जून को उपस्थित होने को कहा गया है. मामले में बाकी आरोपियों को भी बुलाकर बयान लिया जाएगा. इसी मामले में किरणमई नायक की शिकायत पर पंडरी थाने में मंतूराम पवार, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
अमित जोगी ने नोटिस को बताया गैर कानूनी
नोटिस पर अमित जोगी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा इसे गैर कानूनी बताया है. अमित जोगी ने कहा, 'कानूनन जब्त मूल उपकरणों के साथ संलग्न प्रमाणपत्र मुझे प्रस्तुत करें. इसके बाद ही आपके द्वारा वैधानिक रूप से मुझसे वाइस सैम्पल लेने का नोटिस दिया जा सकता है. ऐसे में आपके द्वारा मुझे भेजा गया नोटिस पूर्णतः द्वेषपूर्ण, अवैधानिक और गैर-कानूनी है.'
भूपेश सरकार पर साधा निशाना
अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा, 'भूपेश जांच समिति द्वारा मुझे भेजे नोटिस भेजा गया है. अडानी के साथ बंद कमरे में क्या सौदा हुआ, उसका जवाब देने से बचने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मेरी मां के नाम को घसीटा और जब प्रदेश में उनकी थू-थू होने लगी तो आज मुझे एक अज्ञात व्यक्ति के दस्तखत वाले लव-लेटरनुमा गैर कानूनी नोटिस भेज दिया'.
ये है मामला
2014 में कांकेर के अंतागढ़ के तत्कालीन विधायक विक्रम उसेंडी ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया था. जिसके बाद वहां होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंतू राम पवार को प्रत्याशी बनाया गया था. उपचुनाव में नाम वापसी के अंतिम वक्त में मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. बाद में फिरोज सिद्दीकी नाम से एक व्यक्ति का फोन कॉल वायरल हुआ था. टेपकांड में कथित रूप से अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत बताई गई थी. जिसपर कांग्रेस की सरकार ने मामले में नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.