रायपुर: छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे में कयास लगाये जा रहे हैं कि जेसीसी(जे) के विधायक देवव्रत सिंह कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. इसपर विधायक देवव्रत सिंह ने खुद ETV भारत से बात करते हुए कहा कि वह और बलौदाबाजार के विधायक प्रमोद शर्मा अपना भविष्य कांग्रेस पार्टी में देखते हैं. उन्होंने कहा है कि अजीत जोगी के निधन के बाद अब उन्हें कोई नेतृत्व जेसीसी (जे) में नजर नहीं आता है, इसलिए भी वे अब अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में वापसी करना चाहते हैं.
जेसीसीजे विधायक देवव्रत सिंह से खास बातचीत 'अजीत जोगी खुद चाहते थे सम्मानजनक वापसी'
कांग्रेस वापसी की अटकलों के बीच देवव्रत सिंह ने कहा है कि उनकी इस मुद्दे पर अजीत जोगी से खुलकर बात होती थी. उन्होंने कहा कि जोगी ने खुद कहा था कि अगर सम्मानजनक तरीके से वापसी हो जाती है तो कांग्रेस में वापसी कर लेनी चाहिए. हालांकि देवव्रत सिंह के इस बयान पर अमित जोगी ने करारा प्रहार किया है और उन्हें अजीत जोगी की आत्मकथा पढ़ने की सलाह दी है.
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'कांग्रेस ने मुझे और मेरे परिवार को बहुत कुछ दिया'
कांग्रेस से अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए देवव्रत सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कई मौके दिए हैं और कई बड़ी जिम्मेदारिया सौंपी है. वे तीन बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं और एक बार सांसद भी रह चुके हैं. संगठन में भी कई अहम भूमिका में रह चुके हैं. उनके अलावा उनके परिवार के कई सदस्य भी कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. इसलिए खुद को कांग्रेस से बेहद करीब से जोड़कर देखते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चुनाव में टिकट नहीं मिलने के चलते ही उन्होंने जोगी जी का साथ दिया था. अब अजीत जोगी नहीं रहे हैं ऐसे में इस पार्टी का कोई वजूद उन्हें नजर नहीं आता.
'सोनिया गांधी चाहती थीं अजीत जोगी की कांग्रेस में वापसी'
देवव्रत सिंह ने यह भी कहा कि अजीत जोगी खुद महसूस करने लगे थे कि अब तीसरी पार्टी के लिए ज्यादा स्पेस बचा नहीं है. ऐसे में उनकी अगर सम्मानजनक कांग्रेस वापसी हो जाती है तो उन्हें कांग्रेस में प्रवेश करना चाहिए. इसके अलावा देवव्रत सिंह ने यह भी कहा कि रेणु जोगी ने इस संबंध में सोनिया गांधी के करीबी अहमद पटेल से बातचीत की है. सोनिया गांधी ने भी प्रदेश संगठन को कहा था कि अजीत जोगी का कांग्रेस प्रवेश होना चाहिए, लेकिन स्थानीय समीकरणों की वजह से यह संभव नहीं हो पाया था.
'कब होगी वापसी यह कहना मुश्किल है'
देवव्रत सिंह ने साफगोई से स्वीकार किया कि वह कांग्रेस में तो जाना चाहते हैं, लेकिन संवैधानिक बंधनों में बंधे होने के चलते यह भविष्य के गर्भ में है कि उनकी कांग्रेस वापसी कब होती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने भविष्य के कदम के बारे में समय-समय पर मीडिया को बताते रहेंगे.