रायपुरः प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy rain)से किसानों (farmers)को फसल नुकसान (crop loss) का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में रायपुर (Raipur) में कृषि वैज्ञानिकों (agricultural scientist)ने इन किसानों को फसल बचाव के कई उपाय सुझाये हैं. जिनसे किसानों को राहत मिल सकती है. दरअसल, कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि यदि कुछ दिन भारी बारिश नहीं होती तो प्रदेश में कई जिलों में सूखे जैसे हालात बन सकता थी. हालांकि भारी बारिश से सूखे की स्थिति प्रदेश में नहीं बन रही हैं. लेकिन कम बारिश होने की वजह से धान की फसलों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. साथ ही फल-सब्जी (fruit vegetables)की फसलों को भारी बारिश के कारण नुकसान भी पहुंचा है.
इस मुद्दे पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. घनश्याम साहू बताते हैं कि यदि चार-पांच दिन पानी और नहीं गिरा होता तो प्रदेश में सूखे जैसे हालात हो जाते हैं. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा धान की पैदावार होती है और बारिश का पानी धान के लिए काफी लाभदायक होता है.
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दलहन-तिलहन की फसलों को पहुंचा नुकसान
हालांकि,जो दलहन-तिलहन वाली फसल है, जैसे सोयाबीन, अरहर, मूंगफली इन फसलों के लिए जलभराव की स्थिति में फसल को काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में डॉ. घनश्याम ने किसान भाइयों को सलाह दी कि इन फसलों के लिए वर्षा का पानी निकालने की व्यवस्था की जाए और पानी को खेत पर रुकने ना दिया जाए. ऐसे में फसल नष्ट होने से बच सकेंगे. अगर उद्यानिकी फसल की बात की जाए तो जिन किसान भाइयों ने जुलाई-अगस्त के महीने में मिर्च के फसल लगाए थे. उन पर बारिश का खासा प्रभाव पड़ा है. इसके साथ ही टमाटर की फसल पर भी काफी असर देखने को मिला है. टमाटर के पौधों की पत्तियां झड़ गई है. यानी कि भारी बारिश से टमाटर और मिर्च की फसल को काफी नुकसान हुआ है.