रायपुर: राजधानी रायपुर के शांति नगर पुर्नविकास योजना पर मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में सहमति मिल गई है. इसकी अनुशंसा कैबिनेट की आगामी बैठक में होगी. छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने पुर्नविकास योजना पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की थी. यह बैठक लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू के रायपुर स्थित निवास पर रखी गई थी. इस दौरान सचिव ने कहा कि प्रथम चरण में 31 अवैध निर्मित झुग्गी-झोपड़ी हैं. इन्हें हटाने के लिए नगर निगम के माध्यम से सर्वे कर आबंटन की प्रक्रिया जारी है.
बैठक में सचिव आवास और पर्यावरण ने प्रस्तावित कार्ययोजना के बारे में बताया कि पुर्नविकास का कार्य 12 से 18 माह में चार चरणों में होगा. उन्होंने ने बताया कि जल संसाधन विभाग ने जीएच और आई टाईप के भवनों को भूमि सहित आवास और पर्यावरण विभाग को ट्रांसफर किया है. इन भवनों को जीर्ण-शीर्ण घोषित करने के लिए प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है. लोक निर्माण विभाग के सभी बीसीडीई और एफ टाइप आवासों को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया जा चुका है. प्रथम चरण में 10 आवासों को हटा दिया गया है.
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268 भवन जीएडी पूल में रहेगा उपलब्ध
वहीं दूसरे और तीसरे चरण में 18 ई, एफ टाइप के भवनों को आबंटन के बाद हटाया जा रहा है. इन्हीं दो चरणों में 268 जीएच और आई टाइप के भवनों को रिक्त करना आवश्यक है. गृह निर्माण मंडल के वर्तमान में रिक्त 268 भवनों को जीएडी पूल से उपलब्ध कराना प्रस्तावित है. उन्होंने बताया कि बोरियाकला में 2-3 बीएचके भवन उपलब्ध है. इन भवनों की अनुमानित लागत 69 करोड़ 50 लाख रुपए है. चौथे चरण में रिक्त किए जाने वाले आवासों का निर्माण नया रायपुर में प्रगति पर है.
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भूमि विकास योजना और पीपीपी माॅडल पर बनी सहमति
मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक मे निर्णय लिया गया कि भूमि विकास योजना को पीपीपी माॅडल पर किया जाएगा. इसके अनुसार गृह निर्माण मण्डल भूमि के अग्रिम आधिपत्य पश्चात आर्किटेक्चरल फर्म के लिए निविदा आमंत्रित करेगा. निर्धारित कॉन्सेट के ऊपर निविदा आमंत्रित करते हुए भूमि के मूल्य, समायोजित भवनों की लागत, इसकी कुल राशि को ऑफर रेट माना जाएगा.
बैठक में कई नेता मंत्री रहे मौजूद
बता दें कि बैठक में आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री शिवकुमार डहरिया, सचिव आवास एवं पर्यावरण अंकित आनंद और छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अयाज तम्बोली उपस्थित थे.