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National tribal dance festival 2022: अफ्रीका कलाकारों ने दिखाया 800 साल पुराना ट्राइबल डांस, कहा- दिल हिंदुस्तानी

National tribal dance festival 2022 छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन हुआ. देश विदेश के कलाकारों ने एक साथ मंच साझा किया. तीन दिवसीय महोत्सव में बड़ी संख्या में आदिवासी कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया. इस दौरान देश ही नहीं विदेश के कलाकारों ने भी लोगों का खूब मनोरंजन किया. अफ्रीका के सबसे पुराने समुदाय सिद्दी ने भी ट्राइबल डांस करके सभी को अंचभित किया है.

National tribal dance festival 2022
नृत्य महोत्सव में दिखा अफ्रीका का सबसे पुराना ट्राइबल डांस

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Published : Nov 4, 2022, 1:17 PM IST

Updated : Nov 5, 2022, 1:33 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में 850 साल पहले भारत आए अफ्रीकी मूल के सिद्दी जनजाति ने रायपुर में राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव में अपने सांस्कृतिक नृत्य का प्रदर्शन किया.इस दौरान उनकी कला को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे. सिद्दी जनजाति अफ्रीका की सबसे पुरानी जनजातियों में से एक ( dance of siddi tribe of africa) है.

नृत्य महोत्सव में दिखा अफ्रीका का सबसे पुराना ट्राइबल डांस

संस्कृति अफ्रीका की लेकिन दिल इंडिया का: सालों से भारत में बसे अफ्रीकन कलाकारों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि " वे गुजरात से आए है. अफ्रीका का 850 साल पहले का कलचर उनके पूर्वज इंडिया लेकर आए थे. जिसे उन्होंने अभी भी जिंदा रखा है. सिद्दी जनजाति के काफी लोग गुजरात में बसे हैं. भारत में कहीं भी जाने पर उन्हें किसी तरह की कोई भी दिक्कत नहीं होती है. संस्कृति भले ही अफ्रीकी की है लेकिन हमारा दिल इंडिया का ही है. इंडिया के जैसा देश कहीं भी नहीं हैं."

सालों से इंडिया में बसे अफ्रीकन कलाकार

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सिक्किम के कलाकारों द्वारा तमांग सेलो नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी. पारंपरिक अवसर और अनुष्ठानों में किये जाने वाले इस नृत्य से दर्शकों में उत्साह भर दिया. टोगो से आये कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर अनोखी प्रस्तुति दी. फसल कटाई के अवसर पर किए जाने वाले श्रेणी में छत्तीसगढ़ के जिस नृत्य दल को करमा नृत्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ उसकी प्रस्तुति देखकर दर्शकों में उत्साह दिखा. फ्यूजन डांस में देश विदेश के कलाकारों के साथ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के साथ साथ जनप्रतिनिधि बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाने में जमकर नाचे. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 में अंतिम प्रस्तुति के रूप में मोजांबिक के कलाकार अपनी सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी.

गालिया और कोसेंग सूट नृत्य:इस दौरान देश-विदेश से आए आदिवासी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी है. रशियन दल ने वरेन्का नृत्य के साथ शानदार शुरुआत की, इस नृत्य के जरिए रूसी संस्कृति को प्रस्तुत किया गया. रशियन कलाकारों ने गालिया और कोसेंग सूट नृत्य की प्रस्तुति दी. कोसेंग नृत्य विजय के बाद अपनी परंपरा और शौर्य को दर्शाने के लिए किया जाता है. रशियन कलाकारों ने प्रेम, संगीत, परिधान और परंपरा चारो एक ही डांस में और शारीरिक संतुलन का अद्भुत प्रदर्शन किए.

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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन: इस समारोह में आदिवासी कलाकारों ने अपनी संस्कृति और लोक नृत्य की झलक पेश की है. गीत, संगीत और नृत्य ने अतिथियों को कार्यक्रम के आखिरी दिन लोगों को डटे रहने के लिए मजबूर किया. आदिवासी कलाकारों ने नृत्य के जरिए पूरे कार्यक्रम में समां बांध दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम का लुत्फ उठाया.

Last Updated : Nov 5, 2022, 1:33 PM IST

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