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रायपुर में ऑनलाइन ठगी के आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार !

रायपुर में बैंक खाता अपडेट करने के नाम पर एक बुजुर्ग से ठगी की वारदात हुई (Accused of online fraud in Raipur arrested from Rajasthan) थी. पुलिस ने आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी इंटरस्टेट ठग बताए जा रहे (fraud in name of updating bank account ) हैं. जानिए कैसे पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया .

fraud in name of updating bank account
रायपुर में ऑनलाइन ठगी

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Published : Jul 22, 2022, 9:49 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में सायबर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही (Accused of online fraud in Raipur arrested from Rajasthan) है. रायपुर के राजेंद्र नगर में ठगी की वारदात हुई थी. पुलिस ने बैंक खाता अपडेट करने के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने राजेन्द्र नगर निवासी टुकराम खुंटे को अपना निशाना बनाया था और उनसे ठगी की थी. बैंक खाते में पैन कार्ड अपडेट करने के नाम पर प्रार्थी को अपने झांसे में लेकर ठगी की घटना को अंजाम दिया था. आरोपियों ने प्रार्थी 8 लाख रुपए से अधिक की ठगी की घटना को अंजाम दिया था. राजेंद्र नगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज (fraud in name of updating bank account ) किया है.

जयपुर के रहने वाले हैं तीनों आरोपी:पकड़े गए तीनों आरोपी राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं. आरोपियों ने ठगी के लिए उपयोग में आने वाले मोबाइल नंबर फर्जी पते पर रखें हैं. आरोपी बैंक खाता अपडेट करने का लिंक भेजकर लोगों को अपने झांसे में लेते हैं और उसके बाद ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. आरोपियों के बैंक खातों में ठगी के लाखों रूपए के लेन-देन का है हिसाब पुलिस को मिला है. एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि "प्रार्थी टुकराम खुंटे ने थाना राजेन्द्र नगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह महावीर नगर राजेन्द्र नगर का निवासी है. प्रार्थी एनटीपीसी नोएडा दिल्ली से महाप्रबंधक के पद से वर्ष 2009 में सेवानिवृत्त हुआ है. प्रार्थी का बैंक खाता एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक में है. प्रार्थी के पास 19 मई 2022 को एसबीआई बैंक से प्रार्थी के मोबाईल फोन में तत्काल पेन कार्ड अपडेट करने और नहीं करने पर नेट बैंकिंग सुविधा बंद होने का मैसेज आया था"


आरोपियों ने लिंक अपडेट करने को कहा: एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने आगे बताया कि "आरोपियों के द्वारा प्रार्थी को मैसेज में एक लिंक को क्लिक कर अपडेट करने को कहा गया था. जिस पर प्रार्थी ने उक्त लिंक को क्लिक किया और जैसे जैसे ओटीपी आता रहा वैसे-वैसे लिंक में भरता चला गया बार-बार ओटीपी आया और चौथे ओटीपी में कुछ राशि डेबिट लिखा आया. तो प्रार्थी ने ओटीपी नहीं डाला और शक की स्थिति में सारे मैसेज डीलिट कर दिया. इसी दौरान शाम को प्रार्थी को उसका बैंक एकाउंट डिएक्टिवेट होने का मैंसेज आया. कुछ देर बाद प्रार्थी के मोबाइल फोन में मोबाइल नंबर 9153805192 से फोन आया कि आपने पेन कार्ड पूरा अपडेट नहीं किया है. थोड़ा अपडेट करना बाकी है." पीड़ित ने फोन करने वाले से उसका नाम पूछने पर मोबाईल नम्बर के धारक ने अपना नाम अग्रवाल एवं एसबीआई बैंक, नोएडा से होना बताया. प्रार्थी के एसबीआई का बैंक खाता नोएडा सेक्टर 48 में है, तो प्रार्थी ने जानकारी लेने की कोशिश की जिस पर मोबाइल नम्बर के धारक ने ब्रांच से संबंधित होना बताया औऱ खाता एक्टिवेट करने के लिए गूगल में जाकर एसबीआई नेट बैंकिंग एक्टिवेट में क्लिक करने को कहा फिर प्ले स्टोर से क्विक व्यूहवर इंस्टाॅल करने को कहा और प्रार्थी को आरोपी अपनी बातों में उलझाये रखा. इस तरह उसने ठगी की वारदात को अंजाम दिया.

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शातिर ठगों ने पीड़ित को अपने बातों में उलझाए रखा: प्रार्थी उसकी बातों में व्यस्त हो गया इसी बीच उसने बताया अभी अपडेट 98 प्रतिशत पूरा हो गया है. बैंक से मैसेज आएगा तब पेन नंबर डालने को कहा. मैसेज नहीं आया फिर उसने दूसरे एकाउंट को खोलकर अपडेट करने को कहा और प्रार्थी बातो-बातों में आईसीआईसी बैंक का खाता नेट बैंकिग से खोल दिया. उक्त मोबाईल नम्बर के धारक ने प्रार्थी को एटीएम के पीछे का फोटो अपने मोबाइल में खीचने को कहा. प्रार्थी ने आपत्ति जताई लेकिन उसने बाकी अपडेट के लिए जरूरी बताकर प्रार्थी से उसके एटीएम का फोटो ले लिया उसके बाद थोड़ा इंतजार करिए कहकर प्रार्थी को उलझाए रखा और प्रार्थी के खाते से पैसा निकालते रहा, जिसकी जानकारी प्रार्थी को मैसेज से प्राप्त हुई. प्रार्थी ने जैसे ही मैसेज देखा तब तक पैसा एकाउंट से डेबिट हो चुका था जिसके पश्चात् उक्त व्यक्ति ने मोबाइल फोन बंद कर दिया. करीब 8 लाख रुपये से ज्यादा का फ्रॉड हो गया. ठगी की वारदात के बाद पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई और अब जाकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है.

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