रायपुर:छत्तीसगढ़ में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रदेश में दो पार्टियां आमने-सामने है, भाजपा और कांग्रेस. इस बीच आम आदमी पार्टी खुद को तीसरी पार्टी के तौर पर मैदान में उतरने को तैयार है. आप ने छत्तीसगढ़ में खुद को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की पूरी तैयारी कर ली है. गाहे-बगाबे आप पार्टी प्रदेश में किसी न किसी मुद्दे को लेकर एक्टिव दिख रही है.
ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के चुनावी रणनीति को जानने के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक से खास बातचीत की. आइए सवाल-जवाब के माध्यम से जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के चुनावी मैदान में उतरने आप की तैयारी और रणनीति क्या है...
सवाल: आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव पर आप फोकस कर रही है. आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति क्या है?
जवाब:आम आदमी पार्टी की रणनीति स्पष्ट है. हम पहले संगठन पर फोकस कर रहे हैं. संगठन मजबूत होते ही हम कैंपेनिंग शुरू करेंगे. कैंपेनिंग में अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान के अलावा दूसरे नेता आएंगे. ऐसे मुद्दे हम लेकर जाएंगे, जो जनता के दिल से जुड़ा है.
सवाल: साल 2018 विधानसभा चुनाव में 1फीसद से भी कम आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत था. साल 2023 के चुनाव में आप वोटरों को कैसे साधेंगे?
जवाब:पहले चुनाव लड़ने के लिए हम लड़ लिए थे. लेकिन इस बार का चुनाव हम जीतने के लिए लड़ रहे है. इन दोनों में बहुत का फर्क है. अब हमें चुनाव लड़ना आता है. जिस तरह से हमने दिल्ली और पंजाब में चुनाव लड़ा, उसके बाद गुजरात में चुनाव लड़ा, इसके अलावा कई राज्यों में हमने चुनाव लड़ा है. हमें चुनाव लड़ना भी आता है और जीतना भी आता है. पहले छोटी सी पार्टी थी. अब धीरे-धीरे राष्ट्रीय पार्टी बन गई. इस बार जीतने के लिए चुनाव लड़ेंगे.
सवाल: देश में गुजरात मॉडल की चर्चा जोरों से होती है, इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब:गुजरात की जनता बहुत प्यारी है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार में बुरी तरह परेशान है. वे सरकार को बदलना चाहते हैं. उनके अंदर ऐसी भावना है कि कब भाजपा की सरकार बदले. कांग्रेस पार्टी वहां चुनाव नहीं लड़ती है. वह पूरी तरह सरेंडर किए हुए है. गुजरात मॉडल की बात की जाए तो मैंने गुजरात के हर गांव और शहर देखे हैं. गांव में स्कूलों की हालत जर्जर है. हॉस्पिटल की भी ऐसी स्थिति है. नकली शराब पीकर लोगों की मौत होती है. नकली शराब आसानी से मिल जाती है. गुजरात मॉडल दो चार शहरों में दिखावा ही है. बाकी मूलभूत व्यवस्था नहीं है. अपने आप को प्रमोट करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात मॉडल को बबल बनाया था. अगर इसी शिद्दत से काम किया जाए, तो आज गुजरात की जनता बहुत खुश होती.
सवाल: अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के मामले को लेकर जनता के बीच एक मैसेज आ रहा है. क्या छत्तीसगढ़ चुनाव में इसका असर पड़ेगा?
जवाब:मुझे नहीं लगता है कि किसी भी चीज का फर्क पड़ेगा. जनता बहुत सयानी है. जनता को यह स्पष्ट रूप से पता है कि किस तरह से नरेंद्र मोदी सरकार अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहती है. प्रश्न तो ये उठता है कि आखिर वो आम आदमी पार्टी को क्यों खत्म करना चाहते है? जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पंजाब में भाजपा को हराया और गुजरात में चुनाव लड़ा. भाजपा को यह स्पष्ट हो गया है कि केजरीवाल और आपही एक ऐसी पार्टी है, जो को टक्कर देने वाली है. कांग्रेस पिक्चर में ही नहीं है. यह चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की ईमानदार छवि को किसी भी तरह से धक्का पहुंचे. तभी लड़ पाएंगे, इसलिए उन्होंने यह षड्यंत्र रचा. मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल में डाल दिया. जनता सब समझती है. इस बार जनता इन्हें सबक सिखाएगी.
सवाल: जिस तरह सरकार के खिलाफ होने पर विपक्ष को दबाने का प्रयास किया जा रहा है इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब:ऐसी पार्टी जिसे जनता का पूरा बहुमत मिला है. इतने सारे राज्यों में उनकी सरकार है. उनको यह सारी चीजें करने की जरूरत ही नहीं पड़ती. जनता ने आपको आशीर्वाद दिया हुआ है. अगर आप सही ढंग से काम कर जाओ तो आप ही जीतोगे. कहते हैं कि विनाशकाले विपरीत बुद्धि. जब अति अपने चरम पर पहुंच जाती है. तब बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है. और ऐसे-ऐसे काम करवाती है. फिर उसका अंत वहां से स्पष्ट होता है. अरविंद केजरीवाल पर यह इतना अटैक कर रहे हैं. उसका कारण यह है कि उन्होने प्रधानमंत्री मोदी और आडाणी के संबंध का उजागर किया. दूसरा डिग्री वाले मामले को लेकर. प्रधानमंत्री को अपनी डिग्री दिखाने में क्या प्रॉब्लम है? देश के प्रधानमंत्री से डिग्री मांग रहे हैं तो उन्हें दिखाने में झिझकना नहीं चाहिए. अभी कितने यह प्रपंच कर रहे हैं लेकिन उसका कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिल सकता.