छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

binda sonkar : इकलौते बेटे को पढ़ा नहीं पाने का मलाल, स्कूल बनवाने के लिए दान में दे दी आधा एकड़ जमीन

सोनकर समाज की एक अनपढ़ महिला अपने इकलौते बेटे को शिक्षा नहीं दिला सकी, जिसका उन्हें ऐसा मलाल हुआ. जिसके बाद उन्होंने बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए अपनी आधा एकड़ जमीन दान में दे दी. उस जमीन पर बने स्कूल में आज 1,200 से अधिक बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं.

binda sonkar high school
बिंदा सोनकर हाई स्कूल

By

Published : Aug 12, 2021, 8:01 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 9:43 PM IST

रायपुरः आज के दौर में इंसान एक इंच जमीन के लिए अपने सगे-संबंधियों तक की जान लेने से नहीं चूकता. ऐसे में गरीबों के लिए भी शिक्षा मुहैया कराने के लिए रायपुर के अश्विनी नगर के रहने वाले अशिक्षित महिला बिंदा बाई सोनकर ने 24 साल पहले विद्यालय निर्माण के लिए आधा एकड़ जमीन दान कर दी थी. वह खुद तो शिक्षित नहीं हो सकीं, जिसका उन्हें मलाल रहा. लेकिन आने वाली पीढ़ियों की शिक्षा के लिए उन्होंने यह व्यवस्था कर दी. उनकी दान दी हुई जमीन पर बने विद्यालय में आज 12वीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. यहां वर्तमान में 12 सौ से अधिक बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.

अशिक्षित महिला ने स्कूल के लिए दान की जमीन

अश्विनी नगर में सोनकर समाज की ओर से संचालित हो रहा विद्यालय

रायपुर के अश्विनी नगर में बिंदा सोनकर के नाम से सोनकर समाज की ओर से यह विद्यालय संचालित हो रहा है. यहां सैकड़ों की संख्या में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. कहा जाता है कि बिंदा बाई सोनकर अपने इकलौते बेटे को पढ़ा नहीं पाई थीं. उन्हें इस बात का काफी मलाल था. इससे आहत होकर उन्होंने संकल्प लिया कि शहर के बच्चे अशिक्षित न रहें. इसलिए उन्होंने जमीन दान कर दी. विवाह के बाद वे भाठागांव आई थीं. कुछ समय बाद ही उनके पति की मौत हो गई. बिंदा सोनकर का एक बेटा था, जो उनका उत्तराधिकारी हुआ. उसी ने दान की जमीन पर हस्ताक्षर किए थे.

छत्तीसगढ़ में दो साल बाद खुले स्कूल, पहले दिन ऐसे हुई पढ़ाई

दान की जमीन पर सोनकर समाज ने विद्यालय का किया निर्माण

सोनकर समाज के पूर्व पदाधिकारी डॉ. सुखनंदन लाल सोनकर ने बताया कि बिंदा बाई सोनकर ने 24 साल पहले समाज को आधा एकड़ जमीन दान की थी. फिर उस जमीन पर स्कूल का निर्माण कराया गया. उस दौरान हर प्रकार से समाज के लोगों ने सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया था. पदाधिकारियों ने भी समाज की राशि, विद्यालय निर्माण के लिए लगा दिया था. साथ ही राजनीतिक नेताओं ने भी इसमें मदद की थी. अभी वर्तमान में सोनकर समाज की ओर से 10 स्कूल संचालित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बच्चे बिंदा सोनकर उच्चतर माध्यमिक शाला में पढ़ाई कर रहे हैं.

दूर-दराज के इलाके के बच्चे भी आते हैं पढ़ाई करने

पुरानी बस्ती निवासी हिरेश कुमार ने बताया कि बिंदा सोनकर स्कूल खुलने के बाद पुरानी बस्ती के अलावा रायपुरा, अमलेश्वर, लाखे नगर समेत दूर-दराज के इलाकों के बच्चे भी इस स्कूल में पढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं विद्यालय में बच्चों को कम फीस पर अच्छी शिक्षा मिल रही है. आलम यह है कि पुरानी बस्ती इलाके का यह सबसे लोकप्रिय स्कूल बन गया है. वर्तमान में इस विद्यालय में 12 सौ से अधिक बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.

Last Updated : Aug 12, 2021, 9:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details